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30 Best Hindi Kahani | हिंदी कहानी बच्चों के लिए

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Hindi Kahani: दोस्तों इस लेख में हम आपके लिए बहुत ही मजेदार और रोचक हिंदी कहानियों का संग्रह लेकर आए हैं। यह कहानियाँ आपने आज से पहले कभी भी नहीं सुनी होगी। यह नई हिंदी कहानियाँ छोटे बच्चों के साथ बड़ों का भी खूब मनोरंजन करेंगी। आप इन सब कहानियों को पढ़कर आनंद ले सकते है। यह कहानियां पढ़ने वाले का ज्ञानवर्धक भी करेंगी। इसमें आपको बंदर की कहानी, बिल्ली की कहानी, बकरी की कहानी, हाथी की कहानी, चिड़िया की कहानी, चूहे की कहानी, भूत की कहानी और अन्य बहुत सी कहानियां पढ़ने को मिलेंगी।

1. Bandar Ki Kahani | बन्दर और तेंदुए की कहानी

Bandar Ki Kahani
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एक बार की बात है एक जंगल था। जिसमें बहुत से जानवर रहा करते थे। उस जंगल में एक नदी बहा करती थी। वही कुछ बंदर भी उस नदी के पास पेड़ों पर रहा करते थे। जिसमें से सभी जानवर पानी पी कर अपना गुजारा करते थे। एक दिन उसी जंगल में एक काला तेंदुआ आया। जिससे सभी जानवर डरा करते थे। उस तेंदुए ने जंगल के सभी जानवरों को कह दिया कि कोई भी उसकी इजाजत के बिना नदी से पानी नहीं पी सकता।

जिसके बाद सभी जानवर और बंदर जंगल के दूसरे तालाब व अन्य पानी के स्त्रोत में जाकर पानी पीने लगे। इसी तरह कुछ समय बीत गया। कुछ दिनों के बाद जंगल में भयंकर अकाल पड़ गया। जिसके कारण तालाब में अन्य पानी के स्त्रोत सूख गए। अब केवल वह नदी का पानी ही पीने के लिए बचा था। लेकिन तेंदुए के डर के कारण बहुत से जानवर जंगल छोड़कर दूसरी जगह पर जाने लगे। बंदरों ने जाकर तेंदुए से पानी पीने की विनती की लेकिन तेंदुए ने बंदरों को पानी पीने से मना कर दिया।

इसके बाद बंदर भी जंगल छोड़कर जाने की सोचने लगे। तभी उनमें से एक चिंटू बंदर ने सभी बंदरों को इकट्ठा किया और उनका हौसला बढ़ाया। उसने कहा कि इस तरह हम तेंदुए की जिद के आगे नहीं झुक सकते। हमें इसके लिए कुछ ना कुछ जुगाड़ करना होगा। तभी उसने एक तरकीब निकाली उसने सभी बंदरों से बांस के पेड़ की पतली नली को इकट्ठा करना कह दिया। जब सभी बंदर बांस की नली इकट्ठा करके ले आए तब उसने उन सभी नलियों को आपस में जोड़कर 3-4 पाइप बना ली।

इसकी सहायता से बंदर बिना जमीन पर उतरे पेड़ पर बैठे बैठे पाइप की सहायता से नदी का पानी पी सकते थे। जब जमीन पर बैठे तेंदुए ने बंदरों को पाइप की सहायता से नदी का पानी पीते हुए देखा तो वह बहुत गुस्सा हुआ। उसने बंदरों की पाइप को पकड़ना शुरू कर दिया। जैसे ही वह एक पाइप को पकड़ता है दूसरी बंदरों का झुंड दूसरी पेड़ से दूसरी पाइप की सहायता से नदी का पानी पीना शुरू कर देता। कुछ समय तो उसने बंदरों को बांस की पाइप से पानी पीने के लिए रोका। लेकिन बंदर कहां मानने वाले थे। आखिरकार तेंदुए को बंदरों के सामने हार माननी पड़ी। जिसके बाद वह तेंदुआ ही जंगल छोड़कर चला गया और बंदर खुशी खुशी नदी के पास के पेड़ों पर रहने लगे।

2. Billi Ki Kahani | लालची बिल्ली की कहानी

Billi Ki Kahani
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एक बार की बात है एक बिल्ली शहर छोड़ कर जंगल में आ गई। वह शहर में रह रह कर परेशान हो चुकी इसलिए वह कुछ दिन जंगल में गुजारना चाहती थी। वह शहर में लोगों के घरों में जाकर उनका दूध चुराकर पीती थी। लेकिन अब उसका दूध से भी मन भर गया था। जब वह जंगल में आई तो उसे एक लंबी दिखाई दी। लोमड़ी ने बिल्ली का जंगल में स्वागत किया।

बिल्ली ने लोमड़ी को शहर की सभी बात बताई। बिल्ली ने लोमड़ी को कहा कि उसे इतनी दूर से आने के कारण बहुत भूख लगी है। लोमड़ी ने बिल्ली को अपने घर खाने का न्योता दिया। इसके बाद बिल्ली लोमड़ी के घर खाना खाने चली गई। वहां उसने लोमड़ी के द्वारा दिया गया खाना खूब चाव से खाया। इसके बाद वह वहां से चली गई।

लोमड़ी ने बिल्ली को अगले दिन जंगल के सभी जानवरों से भी मिलाया। बिल्ली को शहर में रहते हुए दूसरों के घर जाकर चोरी करके खाने की आदत लग गई थी। वह जंगल में काम करके नहीं खाना चाहती थी। अब जब भी बिल्ली को भूख लगती वह लोमड़ी के घर जाकर जब भी लोमड़ी घर पर नहीं होती थी उसका खाना खा लेती थी। इस तरह दिन बीते गए। लोमड़ी को अपने घर का खाना कम होने का पता चल गया। इसलिए उसने इसकी निगरानी शुरू कर दी।

एक दिन उसने देखा कि बिल्ली चुपचाप उसके घर में आकर उसका खाना खा रही है। यह देख कर उसने बिल्ली को बहुत डांटा। उसने बिल्ली को बोला कि यह शहर नहीं है यहां पर सभी जानवर खुद मेहनत करके खाना इकट्ठा करते हैं और खाते हैं। तुमको भी यहां पर जंगल का नियम मानना पड़ेगा। लोमड़ी की बात सुनकर बिल्ली को बहुत शर्मिंदगी हुई। उसने लोमड़ी से वादा किया कि आज के बाद वह कभी भी खाना चुराकर नहीं खाएगी। इसके बाद बिल्ली भी मेहनत से खाना इकट्ठा करके खाने लगी और जंगलों के जानवरों के साथ हंसी खुशी से रहने लगी।

3. Hathi Ki Kahani | घमंडी हाथी की कहानी

Hathi Ki Kahani
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एक बार की बात है एक जंगल में एक हाथी रहता था। उसे अपनी ताकत पर बहुत घमंड था जिसके कारण वह जंगल के अन्य जानवरों को परेशान करा करता था। जिसके कारण जंगल के सभी जानवर उसे डरा करते थे। एक दिन उसने एक पेड़ पर एक तोते को देखा उसने तोते से कहा कि तुमको मुझे झुक कर सलाम करना चाहिए।

लेकिन तोते ने ऐसा करने से मना कर दिया जिसके बाद हाथी को गुस्सा आया रोशनी वह पेड़ अपनी सूंड से पकड़कर उखाड़ दिया ताकि कभी भी वह तोता उस पेड़ पर ना बैठ सके। उसके बाद वह हाथी नदी की ओर पानी पीने चला गया। नदी के पास उसने चीटियों के झुंड को अपने बिल में खाना ले जाते हुए देखा। उसने चीटियों से पूछा कि वह क्या कर रही है। चीटियों ने जवाब दिया कि वह बरसात से पहले अपने लिए खाना इकट्ठा कर रही हैं।

हाथी ने उनको भी परेशान करने की सोची। हाथी ने अपनी सूंड में पानी भर कर चीटियों के ऊपर फेंक दिया। जिसके कारण सभी चीटियां गीली हो गई और उनका खाना खराब हो गया। इसके बाद चीटियों ने कहा कि तुम्हें अपनी ताकत पर बहुत घमंड है ना हम तुम्हें सबक सिखाएंगे। हाथी ने चीटियों से कहा कि तुम इतनी छोटी चीटियां हो तुम मुझे क्या सबक सिखाओगी मैं तो तुम्हें अपने पैरों से कुचल सकता हूं। यह कहकर हाथी अपना एक पैर चीटियों की और बढ़ाने लगा। तभी चीटियां दूसरे पैर की सहायता से हाथी के ऊपर चढ़ गई और वह उसके कान और सूंड में चली गई।

वह सूंड में घुसकर हाथी को काटने लगी। जिसके कारण हाथी को बहुत दर्द होने लगा। वह दर्द के कारण चिल्ला चिल्ला कर रोने लगा। उसकी रोने की आवाज सुनकर जंगल के सभी जानवर वहां पर आ गए। वह हाथी को इस तरह रोता हुआ देखकर जोर जोर से हंसने लगे। हाथी ने इसके बाद चीटियों से माफी मांगी और बाहर निकलने की मिन्नत की। इसके बाद चीटियां हाथी की सूंड और कान से बाहर आ गई। इस घटना के बाद हाथी ने जंगल के किसी भी जानवर को कभी भी परेशान नहीं किया।

4. Bakri Ki Kahani | बकरी और भेड़िये की कहानी

Bakri Ki Kahani
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एक बार एक जंगल के पास एक बकरी अपने साथ बच्चों के साथ एक घर में रहा करती थी। उस जंगल में बहुत से जानवर थे जिसके कारण वह अपने बच्चों से हमेशा घर में ही रहने की सलाह देती थी। एक दिन बकरी अपने बच्चों के लिए खाना लेने के लिए जंगल में जा रही थी। उसने अपने बच्चों को कहा कि जब तक मैं ना आऊं तब तक दरवाजा ना खोलें और घर के अंदर ही रहे। तब एक बच्चे ने कहा कि हमें कैसे पता लगेगा कि आप ही दरवाजे पर आई है।

बकरी ने कहा कि जब मैं दरवाजे पर आऊंगी तब एक गाना गाउंगी उस गाने को सुनकर तुम दरवाजा खोल देना। इसके बाद बकरी जंगल में खाना लेने के लिए चली गई। जब बकरी अपने बच्चों को यह सब बता रही थी तब एक भेड़िया उनकी बात को खिड़की से सुन रहा था। उसने सोचा कि आज तो बकरी के बच्चों को खा कर दावत मनाने का मौका मिलेगा। उसने दरवाजे पर जाकर बकरी की आवाज में वह गाना गाना शुरू कर दिया।

बकरी के बच्चों ने कहां की लगता है मां आ गई। लेकिन उनमें से छोटा बच्चा बोला कि मैं तो अभी गई थी इतनी जल्दी कैसे आ गई और वैसे भी इसकी आवाज तो बहुत ही खराब है। हमारी मां की आवाज तो बहुत ही मीठी है। उन्होंने दरवाजे पर जाकर कहा कि तुम हमारी मां नहीं हो सकती तुम्हारी आवाज तो बहुत ही गंदी है। यह सुनकर भेड़िए ने सोचा कि अब मीठी आवाज कैसे करी जाए। वह जंगल में जाकर एक छत्ते से शहद निकालकर खाने लगा।

इसके बाद वह दोबारा दरवाजे पर गया और बकरी की आवाज में गाना गाने लगा। बच्चों ने सोचा कि आप के बाद तो जरूर मां आ गई। लेकिन छोटे बच्चे ने कहा कि मुझे एक बारी तसल्ली करने दो वह दरवाजे पर जाकर झांक कर देखने लगा तो उसे भेड़िए के काले पांव नजर आ गए। उसने चिल्ला कर कहा कि तुम हमारी मां नहीं हो सकती तुम्हारे पैर तो बहुत काले हैं हमारी मां के पैर तो गोरे हैं। जब भेड़िए ने यह सुना तो वह गांव में परचून की दुकान पर जाकर जब सेठ सो रहा था आटे के बारे में अपने दोनों पैर डाल दिए। जिससे उसके दोनों पैर गोरे हो गए।

अब वह दरवाजे पर जाकर फिर से वह गाना गाने लगा। एक बच्चे ने देखा कि उसके पैर भी गोरे हैं। अब उनको पक्का लगने लगा कि अबकी बार जरूर उनकी माँ ही आई है। इसलिए उन्होंने दरवाजा खोल दिया। जिसके बाद भेड़िया अंदर आ गया। भेड़िए को देखकर सभी बच्चे डर कर भागने लगे। भेड़िए नहीं सभी बच्चों को एक बोरे में डाला और जंगल की ओर चलने लगा। उस भेड़िए से सबसे छोटा बच्चा जो चूल्हे में छुप रखा था बच गया। बकरी के आने पर उस बच्चे ने अपनी मां को सारी बात बता दी जिसके बाद बकरी उस बच्चे को लेकर जंगल की ओर चली गई।

बकरी के बच्चे को ले जाते हुए भेड़िया बहुत थक गया वह रास्ते में बोरा रखकर एक पेड़ के नीचे आराम करने लगा। उसकी खर्राटों की आवाज सुनकर बकरी वहां पर पहुंची। उसने बोरे में से सभी बच्चों को आजाद कर दिया। इसके बाद उन्होंने उस बारे में पत्थर भर दिए। थोड़ी देर के बाद भेड़िया उठा और वह बोरा लेकर चलने लगा। नदी आने पर वह बोरी के साथ नदी पार करने लगा। लेकिन उसका तभी पैर फिसल गया जिसके कारण वह नदी में गिर गया और बहने लगा। यह देख कर बकरी और उसके बच्चे हंसने लगे।

5. Chidiya Ki Kahani | चिड़िया की कहानी

Chidiya Ki Kahani
Chidiya Ki Kahani

एक बार की बात है एक जंगल में एक चिड़िया अपने बच्चों के साथ पेड़ पर एक घोसले में रहती थी। एक दिन जंगल में बहुत जोर का तूफान और बारिश आई। इस तूफान में चिड़िया का घोंसला टूट कर गिर गया। जिसके कारण चिड़िया और उसके बच्चे बिना घर के पानी में भीगने लगे। इसके बाद चिड़िया मदद मांगने के लिए कौए के घर पर गई।

चिड़िया अपने साथ खाने का थोड़ा राशन भी लेकर गई। कौए ने पहले तो उसको रखने से मना कर दिया लेकिन जब उसको पता लगा कि चिड़िया अपने साथ राशन भी लेकर आई है तो राशन के लालच में कौए की बीवी ने उन्हें अपने साथ रख लिया। वहां रहने के बदले में कौए की बीवी ने उनसे आधा राशन मांगा। जिसे चिड़िया ने दे दिया। अगले दिन भी बारिश नहीं रुकी। अगले दिन वहां रुकने के बदले में कोई की बीवी ने बाकी अनाज भी चिड़िया से ले लिया।

जब तीसरे दिन भी बारिश नहीं रुकी तो कौए की बीवी ने आकर उनसे जाने के लिए कहा। चिड़िया की मिन्नत करने के बावजूद भी कौए की बीवी ने बिना राशन के उन्हें रखना मना कर दिया। इसके बाद वह अपने बच्चों को लेकर मैना के घर पर गई। मैना ने चिड़िया को और उसके बच्चों को बहुत अच्छे से जब तक बारिश बंद नहीं होती अब तक रहने दिया। बारिश बंद होने के बाद मैना की सहायता से चिड़िया ने अपना घोंसला दोबारा बनाया।

कुछ दिनों के बाद दोबारा बहुत तेज तूफान आया अबकी बार कौए का घोंसला तूफान में गिर गया। जिसके बाद वह अपनी बीवी के साथ सहायता मांगने के लिए चिड़िया के घर आया। कौए की बीवी के व्यवहार के बावजूद चिड़िया ने उन दोनों को अपने घर पर आसरा दिया। उसके इस व्यवहार से कौए और उसकी बीवी को अपने करे पर पछतावा हुआ। उन दोनों ने चिड़िया से माफी मांगी।

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Final Words:

हम उम्मीद करते है की आपको हमारे द्वारा ऊपर दी गयी जानकारी हिंदी कहानी बच्चों के लिए पसंद आयी होगी। आप इन हिंदी कहानियों को अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के साथ भी शेयर कर सकते है। जिससे वह भी खुद और अपने बच्चों के साथ इन कहानियों का आनंद ले सके।

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