Ahilya Ki Hindi Kahani | गौतम ऋषि और अहिल्या की कहानी

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Ahilya Ki Hindi Kahani: अहिल्या के बारे में एक प्राचीन कथा है। जिसका वर्णन इस प्रकार है। अहिल्या भगवान ब्रह्म की पुत्री थी। उन्होंने अहिल्या को बहुत सुन्दर बनाया था। जिसके कारण उसकी सुंदरता को देखते हुए सभी उससे विवाह करना चाहते थे। इन्द्र भी अहिल्या की सुंदरता के कारण उससे विवाह करना चाहता था। लेकिन ब्रह्म ने एक शर्त रखी जो भी सबसे पहले तीनों लोकों की परिक्रमा सबसे पहले करके आएगा उससे वह अहिल्या का विवाह कर देंगे।

इन्द्र ने अपनी सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए तीनों लोक का चक्कर पूरा किया। लेकिन नारद को जब इसके बारे में पता लगा तो उन्होंने ब्रह्मा को बताया की इन्द्र से भी पहले गौतम ऋषि ने तीनों लोक का पहले चक्कर लगाया है। दरअसल गौतम ऋषि ने अपनी गाय का चक्कर लगाया था। उस समय गाय का चक्कर भी तीनों लोक के चक्कर के समान माना जाता था। जिसके कारण ब्रहमा ने गौतम ऋषि से अपनी पुत्री अहिल्या का विवाह कर दिया।

एक दिन जब गौतम ऋषि आश्रम में नहीं थे। तभी इन्द्र ने गौतम ऋषि का वेष बना कर अहिल्या के पास पहुंचा। वह अहिल्या को प्रणय के लिए कहने लगा। लेकिन अहिल्या को अपनी शक्ति से इन्द्र के बारे में पता लग गया। जिसके कारण उसने मना कर दिया।

जब इन्द्र आश्रम से जा रहा था तब वहाँ गौतम ऋषि आ गए उन्होंने इन्द्र को अपने भेष में पाया। जिसके कारण उन्होंने इन्द्र को श्राप दे दिया। इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी अहिल्या को भी बिना समझे श्राप दे दिया की तू इसी आश्रम में युगों तक एक शिला बनकर रहेगी। जब राम यहाँ आएंगे तभी तेरा उद्धार होगा। इसके बाद गौतम ऋषि हिमालय तपस्या करने चले गए।

राम जब वनवास काल में थे तभी विश्वामित्र के कहने पर वह उस आश्रम में गए और अहिल्या का उद्धार किया।

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FAQs

अहिल्या को क्या श्राप मिला था?

अहिल्या को शिला बनने का श्राप मिला था।

देवी अहिल्या किसकी पुत्री थी?

देवी अहिल्या ब्रह्मा की पुत्री थी।

देवी अहिल्या के कितने बच्चे थे?

अहिल्या का एक पुत्र सदानंद था।

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