Topiwala Aur Bandar Story in Hindi with Moral

Topiwala Aur Bandar Story in Hindi with Moral | टोपीवाला और बन्दर की कहानी

Topiwala Aur Bandar Story in Hindi with Moral
Topiwala Aur Bandar Story in Hindi with Moral

Topiwala Aur Bandar Story in Hindi with Moral

Topiwala Aur Bandar Story in Hindi with Moral: बहुत समय पहले की बात है एक गांव में एक टोपी का व्यापारी रहता था। वह टोपी बनाकर शहर में बेचता था। इसी से वह बहुत अच्छे पैसे कमाता था। एक दिन वह शहर में टोपी बेचने जा रहा था। उस दिन उसके पास बैग में बहुत सारी रंग बिरंगी टोपी थी। जिसके उसे बहुत अच्छे दाम मिलने वाले थे। जिसके कारण वह बहुत खुश था। वह अपने गांव से शहर की ओर निकला। रास्ते में चलते चलते वह थक गया। वह कहीं पर थोड़ी देर के लिए आराम करना चाहता था।

उस टोपीवाले व्यापारी को एक बरगद का पेड़ नज़र आया। जो बहुत बड़ा था। जिसके निचे बहुत झाँव थी। जो उसको दोपहर की गर्मी में राहत देने के लिए पर्याप्त थी। टोपीवाला उस पेड़ के नीचे पहुँचा और उसके नीचे बैठकर आराम करने लगा। उसने अपना टोपियों से भरा बैग भी पास में ही जमीन पर रख दिया। थोड़ी देर आराम करते करते कब उस टोपीवाले व्यापारी की आँख लग गयी उसको पता ही नहीं लगा।

उस बरगद के पेड़ पर बहुत से बन्दर रहते थे। जब उन्होंने पेड़ के नीचे एक आदमी को सोते हुए देखा तो वह उसके पास गए। उन्होंने टोपीवाले के पास पड़े बैग को देखा। वह खाने की तलाश में थे। उन्होंने खाने की उम्मीद से बैग को टटोला तो उसमे से उनको टोपी मिली। वह रंग बिरंगी टोपी देखकर बहुत खुश हुए। वह उन टोपियों को लेकर पेड़ के ऊपर चढ़ गए और टोपीवाले की तरह ही उस टोपी को अपने सिर पर रखकर कूदने लगे।

थोड़ी देर बाद उस टोपीवाले व्यापारी की आँख खुली। जब उसने अपने पास रखे बैग को देखा तो उसमे एक भी टोपी नहीं थी। जिसके कारण वह हैरान हुआ। तभी उसको पेड़ के ऊपर से बंदरो की आवाज़ सुनाई दी। जब उसने बंदरो की और देखा तो उसको अपनी सभी टोपियाँ बंदरों के सिर पर नज़र आयी। जब उसे पूरा माज़रा समझ आया। अब वह अपनी सभी टोपियाँ वापस चाहता था। उसने बंदरों से अपनी सभी टोपियाँ वापस करने को कहा लेकिन वह कहा सुनने वाले थे।

बन्दर उस टोपीवाले को देखकर जोर जोर से हॅसने लगे। टोपीवाला जैसे करता बन्दर भी उसकी नक़ल उतारते थे। तभी टोपीवाले को एक तरकीब सूझी। टोपीवाला कूदने लगा। उसको देखकर बन्दर भी कूदने लगे। इसके बाद टोपीवाले ने अपने सिर से टोपी उतारकर जमीन पर फेंक दी। सभी बन्दर भी बिना समझे अपनी अपनी टोपी उतारकर जमीन पर फेकने लगे।

तभी जल्दी से टोपीवाले ने अपनी सभी टोपियाँ समेटकर बैग में डाली और वहाँ से चला गया।

Topiwala Aur Bandar Story in Hindi with Moral

Moral of the Story:

इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है की हमें कभी भी बुरे समय में अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए और विवेक से काम लेना चाहिए।

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