The Happy Prince Story in Hindi

The Happy Prince Story in Hindi | द हैप्पी प्रिंस स्टोरी

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The Happy Prince Story in Hindi: दोस्तों आज हम आपको द हैप्पी प्रिंस की कहानी बताने वाले है। यह कहानी बहुत ही रोचक होने के साथ आपको बहुत अच्छी शिक्षा भी देने वाली है।

एक बार की बात एक शहर के बीच में एक मूर्ति लगी हुई थी। जिस मूर्ति का नाम हैप्पी प्रिंस था। यह मूर्ति सोने की बनी हुई थी और उस मूर्ति में बहुत से कीमती पत्थर लगे हुए थे। एक दिन एक चिड़िया उड़ती हुई आकर उस मूर्ति के नीचे बैठ गई।

तभी उस चिड़िया को अपने शरीर पर पानी की बूंद गिरने का एहसास हुआ। उस चिड़िया ने मन ही मन सोचा की अभी तो कोई बारिश नहीं हो रही है फिर यह पानी की बूंद मेरे शरीर के ऊपर कैसे गिरी। जब चिड़िया ने ऊपर देखा तो हैप्पी प्रिंस की आंखों से आंसू बह रहे थे।

चिड़िया ने हैप्पी प्रिंस की मूर्ति से पूछा कि तुम क्यों रो रहे हो। मूर्ति ने चिड़िया को बताया की जब मैं जिंदा था तो बहुत खुशी-खुशी अपने महल में रहता था। मुझे बाहर की दुनिया के बारे में कुछ भी नहीं पता था लेकिन मरने के बाद मेरी मूर्ति को शहर के बीच में ऊंचे स्थान पर लगाया गया।

अब मै दुःखी लोगों को देख सकता हूँ। जिससे मुझे बहुत दुःख हो रहा है क्योकि मै उनकी कोई भी मदद नहीं कर पा रहा हूँ। हैप्पी प्रिंस ने कहा की क्या तुम इन लोगों की सहायता करके मेरी मदद करोगे। चिड़िया ने हैप्पी प्रिंस को इन लोगों की मदद करने को कहा।

हैप्पी प्रिंस ने कहा की मै एक घर में एक औरत को देख सकता हूँ। जो बहुत गरीब है। वह दूसरे लोगों के लिए कपड़े सिलने का काम करती है। उस औरत का बच्चा भूखा और बीमार है। लेकिन उनके घर में कुछ भी खाने के लिए नहीं है।

तुम मेरे शरीर से एक रूबी का पत्थर निकालकर उस महिला को दे आओ। जिससे वह अपने बीमार बच्चे को कुछ खाना खिला सके। चिड़िया ने वैसा ही किया वह प्रिंस के कपड़ों में लगा रूबी निकाल कर महिला के पास रख कर आ गया। जब महिला ने बाद में रूबी देखा तो वह बहुत खुश हुआ।

महिला रूबी बेचकर खाने का सामान और अपने बच्चे के लिए दवाई लेकर आयी। इसके बाद चिड़िया प्रिंस की मूर्ति के पास गई। प्रिंस ने इसके बाद चिड़िया से कहा की अब में एक लेखक को देख रहा हूँ। जो लोगों की भलाई के लिए किताब लिख रहा है लेकिन उसे अपनी किताब लिखने के लिए पैसों की जरूरत है।

तुम मेरी आंख में लगा नीलम का पत्थर निकाल कर उस लेखक को दे आओ। जिससे वह अपनी किताब पूरी कर सके और लोगों की भलाई हो सके। चिड़िया ने वैसा ही किया उसने चिड़िया की आंख से एक नीलम का पत्थर निकाल कर लेखक के पास गया।

लेखक वहाँ किताब लिखते लिखते सो रहा था। चिड़िया ने लेखक के पास वह नीलम का पत्थर रख दिया। लेखक ने उठ कर वह नीलम का पत्थर देखा। उसने नीलम को कुछ पैसों में बेच दिया और अपनी किताब पूरी की।

इसके बाद जब चिड़िया प्रिंस के पास गयी तो प्रिंस ने चिड़िया को कहा कि उसको एक गरीब छोटी लड़की दिखाई दे रही है। जो अंडे बेच कर अपना गुजारा करती थी। लेकिन आज उस लड़की के सभी अंडे जमीन पर गिर कर टूट गए।

जिससे उसका बहुत नुकसान हुआ। तुम मेरी आंख में लगा दूसरा नीलम निकालकर उस लड़की को दे आओ जिससे उसकी बहुत मदद होगी और उसको इतनी छोटी उम्र में काम नहीं करना पड़ेगा। वह स्कूल जा कर पढ़ाई कर सकेगी।

चिड़िया ने प्रिंस की आंख से दूसरा नीलम निकाल उस लड़की के पास गया और उस लड़की के हाथ में नीलम रख दिया। वह लड़की खुशी खुशी वह कीमती पत्थर अपने घर ले गयी। वह कीमती पत्थर बेचकर लड़की काम छोड़ कर स्कूल जाने लगी।

चिड़िया जब प्रिंस के पास गयी तो उसकी दोनों आँखे अब नहीं थी। प्रिंस ने चिड़िया से कहा की अब मै कुछ नहीं देख सकता तुम शहर में घूम कर देखो की कौन कौन अब दुःखी है। चिड़िया शहर के ऊपर उड़ने लगी कुछ देर बाद वह हैप्पी प्रिंस की मूर्ति के पास आयी।

चिड़ियाँ ने कहा की अब भी शहर में बहुत से लोग दुखी है। प्रिंस ने चिड़ियाँ से कहा की तुम मेरे शरीर में लगा सोना निकाल कर जरूरतमंद लोगों को दे आओ। जिससे उनकी मदद होगी। चिड़ियाँ ने प्रिंस के शरीर से सारा सोना निकालकर जरूरतमंद लोगों को बाँट दिया। जिससे उन लोगों की बहुत सहायता हुई।

हैप्पी प्रिंस की मूर्ति अब बिना सोने और कीमती पत्थरो के बहुत बेकार हो चुकी थी। प्रिंस ने चिड़िया को दूसरे शहर जाने के लिए कहा जिससे वह आने वाली सर्दियों से बच सकें लेकिन चिड़िया ने प्रिंस के पास ही रहने का निर्णय किया। वह हैप्पी प्रिंस को छोड़ कर नहीं जाना चाहती थी।

कुछ समय बाद वहां पर बहुत सर्दी पड़ने लगी। जिससे चिड़िया की मृत्यु हो गई। उसके बाद उस शहर के मेयर शहर का दौरा कर रहे थे। उन्होंने हैप्पी प्रिंस की बेकार मूर्ति और चिड़ियाँ को देखा। मेयर ने उस मूर्ति को वहाँ से हटा कर वहाँ की सफाई करने को कहा और दूसरी मूर्ति लगाने को कहा।

उस चिड़ियाँ को वहाँ से ले जाकर दूसरी जगह फेंक दिया गया और मूर्ति को जला दिया गया। लेकिन मूर्ति को जलाने पर भी उस मूर्ति का दिल सही सलामत रहा।

आकाश में ईश्वर ने अपने दूत से पृथ्वी पर दो सबसे कीमती वस्तु लाने को कहा। वह दूत सब जगह घूम कर उस चिड़िया और हैप्पी प्रिंस के दिल को लेकर ईश्वर के पास गए। उन्होंने ईश्वर को उन दोनों के बारे में बताया। ईश्वर ने हैप्पी प्रिंस और चिड़ियाँ को स्वर्ग में जगह दी।

Final words:

हम उम्मीद करते है की आपको हमारे द्वारा ऊपर दी गयी The Happy Prince Story in Hindi पसंद आयी होगी। आप इस हैप्पी प्रिंस की कहानी को अपने दोस्तों को सुना सकते है।

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