Success Businessman Story in Hindi
Success Businessman Story in Hindi: दोस्तों आज हम आपको ऐसे सफल बिजनेसमैन की कहानी बताने वाले हैं। जो आपको मोटिवेशन और इंस्पिरेशन से भर देगा। एक लड़का 17 साल की उम्र में मुंबई खाली हाथ आया था। वह अपनी मेहनत और जूनून के बल पर एक सफल बिजनेसमैन बना और आज करोड़ों की कंपनी का मालिक है। उस व्यक्ति का नाम है प्रेम गणपति।
प्रेम गणपति का जन्म तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में हुआ था। उसके पिता एक किसान थे। वह जिस जगह पर रहता था। वहां पर बच्चे ज्यादा पढ़ाई नहीं करते थे और आठवीं दसवीं करने के बाद किसी छोटी मोटी नौकरी पर लग कर घर खर्च में हाथ बटाते थे।
प्रेम गणपति भी अपनी प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद तमिलनाडु में एक कॉफी शॉप पर काम करने लगे। कुछ समय उन्होंने उसी कॉफी शॉप में काम किया। वहां काम करते करते उनकी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई। जो मुंबई में काम करता था। प्रेम ने उस व्यक्ति से बात की और मुंबई जाने की इच्छा जाहिर की।
जिसके बाद वह व्यक्ति प्रेम गणपति को लेकर मुंबई आ गया। उस समय प्रेम गणपति की उम्र मात्र 17 साल की थी। मुंबई की भीड़भाड़ के कारण प्रेम गणपति जब बांद्रा स्टेशन पर पहुंचे तो वह उस व्यक्ति से अलग हो गए। बहुत ढूंढने पर भी वह व्यक्ति प्रेम गणपति को नहीं मिला।
उस समय उन्हें सही से हिंदी भी बोलनी नहीं आती थी। वहीं पर प्रेम गणपति की मुलाकात एक तमिल व्यक्ति से हुई। जिसको प्रेम गणपति ने सारी बात बताई तो उस व्यक्ति ने प्रेम गणपति को कहा कि तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। मैं तुम्हारी तमिलनाडु की टिकट करा देता हूं।
जिससे तुम वापस अपने घर पर जा सकते हो। पहले तो प्रेम गणपति को काफी सुकून मिला की कम से कम वह अपने घर तो पहुंच जाएगा। लेकिन प्रेम गणपति ने सोचा कि वह अपने घर वापस जाने के लिए थोड़ी आया है। माना कि जो व्यक्ति ने उसे लेकर आया है।
वह व्यक्ति उससे बिछड़ गया लेकिन वह मुंबई में काम करने और अपनी स्थिति को सुधारने के लिए आया है। तब प्रेम गणपति ने उस व्यक्ति को कहा कि अब मैं वापस तमिलनाडु नहीं जाना चाहता मैं मुंबई में रहकर ही कोई काम ढूंढ कर काम करूंगा।
सफल व्यापारी की कहानी
इसके बाद प्रेम गणपति ने मुंबई में काम ढूंढना शुरू किया। शुरू में किसी ने भी प्रेम गणपति को काम पर नहीं रखा। लेकिन काफी ढूंढने के बाद प्रेम गणपति को एक बेकरी में बर्तन धोने का काम मिला। प्रेम ने बेझिझक वह काम किया और कुछ समय के बाद प्रेम वहां से काम छोड़ कर टी शॉप पर वेटर के रूप में काम करने लगे।
टी शॉप में काम करते-करते प्रेम गणपति को कस्टमर सर्विस का काफी एक्सपीरियंस मिला। जिसका उन्होंने बाद में काफी फायदा उठाया। प्रेम गणपति चाय की दुकान में आने वाले कस्टमर से बहुत अच्छे से पेश आते थे। जिसके कारण उस दुकान में कस्टमर आने बढ़ गए और सभी कस्टमर प्रेम गणपति को ही सर्विस के लिए ढूंढते थे।
प्रेम गणपति को कस्टमर बहुत टिप देते थे। उसी चाय की दुकान में एक कस्टमर आता था। उसने प्रेम की कस्टमर सर्विस से खुश होकर एक टी शॉप खोला और प्रेम गणपति को पार्टनर बनाया। प्रेम गणपति की लगन और मेहनत से वह बिजनेस भी चलने लगा।
जिसके बाद उस व्यक्ति के मन में लालच आ गया और वह सोचने लगा कि बिजनेस में सभी पैसे उसने लगाए हैं तो वह प्रेम गणपति को आधा पैसा क्यों दे इसलिए उसने प्रेम गणपति को बिजनेस से निकाल दिया।
इसके बाद प्रेम गणपति वापस बेरोजगार हो गए और काम की तलाश में थे। तब प्रेम गणपति ने सोचा कि अगर कोई दूसरा व्यक्ति मुझ में इतना विश्वास रखता है कि मैं उसका बिजनेस चला सकता हूं तो मुझे खुद के ऊपर भी विश्वास रखना चाहिए।
प्रेम गणपति ने इसी विश्वास के साथ 1000 रूपए की अपनी जमा पूंजी से मुंबई के वासी में अपना इडली डोसा का स्टॉल लगाया। प्रेम गणपति की मेहनत से वह स्टॉल बहुत चलने लगा। इडली डोसा स्टॉल से उनकी काफी कमाई हो रही थी। लेकिन रोड पर स्टाल होने के कारण नगर परिषद के लोग उसे काफी परेशान करते थे। इसलिए प्रेम गणपति ने अपना खुद का रेस्टोरेंट खोला।
जिसका नाम प्रेम गणपति साउथ इंडियन फास्ट फूड रखा। जिसका नाम बाद में बदलकर डोसा प्लाजा रख दिया। वह रेस्टोरेंट भी थोड़े समय में अच्छा चलने लगा। जिसमें प्रेम गणपति ने काफी स्टाफ रखा। उन्हें किसी व्यक्ति ने बताया कि पास में एक सेंट्रल मॉल खुल रहा है और उसमें एक आउटलेट खोलने का सुझाव दिया।
मॉल में उस समय प्रेम गणपति के लिए आउटलेट खोलना काफी महँगा था लेकिन फिर भी उन्होंने मॉल में अपना आउटलेट खोला। यह आउटलेट इतना अच्छा चला की प्रेम गणपति को बहुत से लोग जानने लगे। लोग बहुत दूर दूर से इडली डोसा खाने प्रेम गणपति के रेस्टोरेंट और आउटलेट में आने लगे।
प्रेम गणपति ने अपने इडली डोसा में काफी बदलाव किए और इडली डोसा में पनीर, नूडल और अलग-अलग तरह की चटनी के साथ बनाने लगे। ऐसा इडली डोसा लोगों ने पहले कभी नहीं खाया था। जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया। प्रेम गणपति ने अपने खाने की वैरायटी के साथ ब्रांडिंग को जोड़ दिया।
लोगों के द्वारा बहुत अच्छे रिस्पांस के कारण उन्होंने 5 साल के अंदर ही 26 आउटलेट खोल दिए। अब लोग उनके रेस्टोरेंट की फ्रेंचाइजी लेने के लिए आने लगे। धीरे-धीरे उन्होंने अपने डोसा प्लाजा के आउटलेट इंडिया के साथ विदेश ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, अबू धाबी, दुबई, यूएस, यूके और कतार में भी खोल दी।
अब उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर करोड़ों में है। उन्होंने अपनी लगन और मेहनत के कारण एक छोटे से गांव से निकलकर एक सफल बिजनेसमैन बने। वह अपनी किस्मत के भरोसे नहीं रहे और अपनी मेहनत के बल पर एक सफल व्यापारी बने।
यदि आप अपनी जिंदगी में कुछ करना चाहते हैं और एक सफल बिजनेसमैन बनना चाहते है तो आपको भी किस्मत के भरोसे ना रहकर अपने हाथों से मेहनत के द्वारा अपनी किस्मत को बदलना चाहिए।
Final words:
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा ऊपर दी गई Success Businessman Story in Hindi पसंद आई होगी। आप इस स्टोरी को अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। जिससे वह भी मोटिवेट हो सके और सफल व्यापार कर सके।
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Very nice story.👌👌
Thank you Rahul for your feedback.
Very nice story sir ji ,
Kya Mai is story ko YouTube me video बनाकर use kr sakta hu,
Aapko कोई problem to nhi hogi sir,
Aap Story ka use kar sakte hai apni video me lekin aapko Video/description me hamari site ko credit dena hoga.
Thank you so much muje aaj trust ho gya mai bilkul shi raste pr hu aaj mai ek India ki phli business company ki business manger hu or ab logo ko business krati hu ghar se thanks on more time 🙏🙏🙏
Thanks for your feedback.
Mujhe bhi business kar na he Lekin mere pas pese nahi he aida to bahot he Lekin koi seaport kar ne vala nahi he mujhe kuch samj nahi aa Raha ke me kya Karu please koi rasta bataiye mujhe taki me kuch kar saku please
Agar aapke paas idea h to usko implement karo kisi ke support ka intzaar mat karo. Agar paise nhi h to kuch time job karo fir business karo.