One kilo flesh Akbar birbal story in Hindi | एक किलो माँस

एक किलो माँस कहानी हिंदी में | One kilo flesh Akbar birbal story in Hindi
One kilo flesh Akbar birbal story in Hindi: एक बार की बात है अकबर के राज्य में दो जमींदार रहते थे नेकीराम और बदिराम। नेकीराम बहुत भला इंसान था जो लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता था और लोगों को कम ब्याज पर पैसे देता था। जबकि बदिराम बहुत ही लालची और धोखेबाज़ किस्म का व्यक्ति था।
वह भी व्यक्तियों को पैसे देता था लेकिन उस पर बहुत ज्यादा ब्याज़ लेता था। एक बार नेकीराम का दोस्त कमल नेकीराम के पास आया और बोला उसको 500 सोने के सिक्कों की जरुरत है। नेकीराम के पास केवल 300 सोने के सिक्के ही थे। जो उसने कमल को दे दिए बाकि उसने कुछ दिनों के बाद देने को बोला।
लेकिन कमल बोला उसको आज ही सभी 500 सोने के सिक्के चाहिए। वह नेकीराम का अच्छा दोस्त था तो नेकीराम उसके लिए बाकि सोने के सिक्के लेने के लिए बदिराम के पास चला गया। बदिराम के पास 200 सोने के सिक्के थे जो वह देने के लिए तैयार हो गया।
नेकीराम ने उसको बोला की वह यह सिक्के 6 महीने में लौटा देगा। बदिराम ने नेकीराम को कहा 6 महीने में इस पर 50 सोने के सिक्के का और ब्याज लगेगा और यदि वह 6 महीने में इसको लौटा नहीं पाया तो नेकीराम को अपने शरीर से 1 किलो माँस बदिराम को देना होगा।
एक किलो माँस कहानी हिंदी में | One kilo flesh Akbar birbal story in Hindi
नेकीराम को भरोसा था की उसका दोस्त समय से सोने के सिक्के को लौटा देगा इसलिए वह बदिराम की अजीब सी शर्त को मान गया। 6 महीने बीत गए लेकिन बदिराम नेकीराम के सोने के सिक्के लौटा नहीं पाया। बदिराम अपने सोने के सिक्के लेने के लिए नेकीराम के पास पहुंच गया।
नेकीराम बोला उसका दोस्त आज शाम तक सिक्के लेकर आता ही होगा। उसने नेकीराम को शाम तक की मोहलत दी। लेकिन कमल नहीं आया। बदिराम ने अगले दिन नेकीराम को उसके घर के बाहर रोक लिया और अपने सिक्के मांगने लगा उसने बोला या तो उसके सिक्के दे या फिर शर्त के मुताबिक अपने शरीर से 1 किलो माँस दे।
नेकीराम ने बोला उसको 2 -3 दिन की मोहलत और दे उसका दोस्त आ जायेगा। बदिराम नहीं माना और अपनी तलवार निकालकर नेकीराम के शरीर से 1 किलो माँस निकालने के लिए आगे बढ़ा। उनका झगड़ा सुनकर वहाँ पर बहुत लोग इकट्ठे हो गए।
Akbar birbal short stories in hindi
जिसके बाद कुछ देर में अकबर के घुड़सवार सैनिक भी वहाँ पर पहुंच गए। उनने जब लोगों से पूछा तो लोगों ने बताया बदिराम जालिम इंसान है जो नेकीराम के शरीर का माँस काटना चाहता है उसकी रकम न लौटाने पर। सैनिक दोनों को लेकर अकबर के दरबार में गया।
बादशाह अकबर ने उनसे लड़ाई का कारण पूछा तो नेकीराम ने सारी बात बताई और बताया की वह उसके सोने के सिक्के 1 -2 दिन में लौटा देगा। तभी नेकीराम का दोस्त वहाँ पर पहुंच गया और उसने बोला वह सारे सिक्के लेकर आया है।
अकबर ने कहा ठीक है तो तुम दोनों का मामला सुलझ गया। बदिराम तब भी बोला हमारी 6 महीने में सोने के सिक्के लौटाने की बात हुए थी अब उससे ज़्यादा समय हो चूका है तो मै नेकीराम के शरीर से 1 किलो माँस काटूंगा।
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सबको पता चल चूका था की बदिराम एक जालिम इंसान है। बीरबल ने बदिराम को बोला ठीक है अपनी तलवार लो और नेकीराम के शरीर से 1 किलो माँस काटने के लिए आगे बढ़ो लेकिन यह ध्यान रखना उसके शरीर से खून नहीं आना चाहिए क्योंकि केवल माँस काटने की बात हुई थी ख़ून निकालने की नहीं।
इस पर बदिराम रुक गया और अपनी ग़लती मान ली की वह दोनों एक ही व्यापार में थे तो वह नेकीराम को अपने रास्ते से हटाना चाहता था।
बादशाह अकबर ने बदिराम को 1 साल कारावास की सजा सुनाई और जो सोने के सिक्के उसने नेकीराम को दिए थे वह भी नेकीराम के पास रहेंगे फैसला सुनाया।
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