Magical Cave Moral Story in Hindi
Magical cave moral story in hindi: बहुत पहले की बात है बगदाद शहर में दो दोस्त अली और मुनीब रहते थे। अली बहुत गरीब था और किसी के घर बकरियाँ चरा कर अपना गुजारा करता था। वह सवभाव से बहुत ही ईमानदार और भला इंसान था।
जबकि मुनीब अमीर था और वह सवभाव से लालची इंसान था। बहुत व्यापार और पैसा होने के बावजूद उसको और पैसा चाहिए था। एक दिन की बात है अली बकरियाँ लेकर जंगल में चराने ले गया वहाँ पर वह थोड़ा आराम करने के लिए बैठ गया तो उसको नींद आ गयी जब वह उठा तो देखा एक बकरी कम है।
वह बहुत घबरा गया की अब मालिक को पता चलेगा तो वह बहुत गुस्सा होंगे। उसने सोचा पहले वह सभी बकरियों को घर छोड़ कर आएगा उसके बाद दोबारा वहाँ आकर उस बकरी को ढूंढेगा। उसने ऐसा ही किया वह बाकि सभी बकरियों को छोड़ कर उस बकरी को ढूंढ़ने आ गया। वह बकरी को ढूंढते हुए आगे निकल गया वहाँ पर उसको एक बूढ़ा बाबा बैठा हुआ नज़र आया।
अली ने बाबा से पूछा की आपने मेरी बकरी को देखा है। बाबा ने बोला उसको बहुत भूख लगी है उसको कुछ खाने को दे दे उसने 2 दिन से कुछ नहीं खाया। अली के पास केवल थोड़ा ही खाना था जो उसने अपने लिए ले रखा था यदि वह यह खाना बाबा को देता तो उसे भूखा ही रहना पड़ता लेकिन उसने वह खाना बूढ़े बाबा को दे दिया।
जादुई गुफ़ा की कहानी हिंदी में
खाना खाकर बाबा ने कहा तुम्हारी बकरी आगे घाटी की तरफ गयी है। अली आगे घाटी की तरफ चला गया। जाते जाते रात हो गयी। अली को एक गुफ़ा नज़र आयी वह उस गुफ़ा में चला गया उसने सोचा आज रात इसी में गुजारनी पड़ेगी। वह सोने लगा लेकिन भूख के कारण उसको नींद भी नहीं आ रही थी। उसने बोला काश मेरे पास खाना होता।
इतना बोलते ही उसके सामने बहुत से शाही पकवान की दावत आ गयी। उसे बड़ा अचरज हुआ और उसने वह खाना खा लिया। खाने के बाद जब सोने लगा तो उसको ठण्ड लगने लगी उसने बोला काश मेरे पास एक चादर होती। तभी उसके सामने चादर आ गयी। अब वह समझ गया की यह गुफ़ा जादुई है। उसके बाद वह सो गया।
सुबह उठने के बाद उसने बोला काश मेरी बकरी मुझे मिल जाये। इतना कहते ही बाहर से बकरी उसको आती हुई दिखाई दी। वह बहुत खुश हो गया और बकरी को लेकर चला गया जाते जाते उसने वह चादर बूढ़े बाबा को दे दी जिसने उस घाटी का रास्ता अली को बताया था।
Magical Cave Moral Story in Hindi
उसने यह बात अपने दोस्त मुनीब को बताई। सारी बात जानकर उसने सोचा अली कितना मूर्ख है जो ऐसी जादुई गुफा से केवल बकरी मांग कर आ गया। उसने उस गुफ़ा में जाने को सोचा। उसने अली से सारा रास्ता जानकर गुफ़ा के लिए चल पड़ा।
गुफा की तरफ जाते समय उसको वही बूढ़ा बाबा नज़र आया। मुनीब ने बाबा से गुफा का रास्ता पूछा। बाबा ने उससे खाने को माँगा तो मुनीब बोला यदि खाना में तुमको दे दूंगा तो मै क्या खाऊंगा। उसके पूछने पर बाबा ने मुनीब को गुफ़ा का रास्ता बता दिया।
घाटी पहुंच कर जब उसने गुफ़ा देखी तो वह बहुत खुश हो गया। वह जल्दी से उस गुफा के अंदर चला गया और गुफ़ा से बोला मुझे इतना खजाना दो की जिससे मै जिंदगी भर भी न गिन सकूँ। पहले तो कुछ नहीं हुआ लेकिन कुछ समय बाद उसके सामने खजाना आने लगा और वह बहुत खुश हो गया।
धीरे धीरे वह खजाना बढ़ता ही जा रहा था। मुनीब खजाने को गिनने में लग गया। वह खजाना गिनने में इतना मगन हो गया की उसको इसका ध्यान नहीं रहा की बढ़ते ख़जाने से गुफा का दरवाजा बंद हो रहा है। कुछ ही देर में गुफ़ा का दरवाजा पूरी तरह से बंद हो गया। उसके बाद भी खजाना बढ़ते ही जा रहा था। थोड़ी देर में मुनीब उस ख़जाने में दबकर मर गया।
Moral of the story:
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए। लालच एक बुरी बला है। जिस तरह मुनीब ने ख़जाने का लालच किया और अपनी जान से हाथ धो बैठा।
यह भी पढ़े: लालची औरत की कहानी हिंदी में
होशियार मुखिया की कहानी हिंदी में | Clever village chief moral story in Hindi
UP Free Laptop Yojana | यूपी फ्री लैपटॉप योजना
मूछों वाली लड़की की कहानी हिंदी में | Mustache Girl Moral Story in Hindi