Bacho Ki Kahani in Hindi | बच्चों की कहानी नई हिंदी में
Bacho Ki Kahani in Hindi: एक बार की बात है रामपुर गाँव में धनीराम नाम का एक सेठ था। जो की बहुत ही कंजूस था। वह एक दिन नदी पार कर रहा था की उसका पैर फिसल गया जिससे वह नदी में जाकर गिर गया। नदी में वह तेज़ बहाव के कारण डूबने ही वाला था की उसने भगवान से मन्नत माँगी की अगर वह नदी से सही सलामत बाहर निकल गया तो वह 101 ब्राह्मणों को भोजन करवायेगा।
यह कहने के बाद उसमे थोड़ी हिम्मत आयी और वह बीच नदी से थोड़ा ऊपर आया। जब सेठ ने सोचा की मैंने कुछ ज़्यादा ही ब्राह्मणों को भोजन करवाने को बोल दिया तो उसने फिर बोला की यदि मै 101 ब्राह्मणों को भोजन नहीं करवा पाया तो कम से कम 51 ब्राह्मणों को भोजन तो करवा ही देगा।
इसके बाद वह नदी से थोड़ा और बाहर आया और उसने फिर से 51 ब्राह्मणों से 21 और 21 से 11 ब्राह्मणों को भोजन करवाने की बात कहीं। जब वह नदी से लगभग पूरा बाहर आ गया तो उसने सोचा मैंने बेकार में ही 11 ब्राह्मणों को भोजन करवाने मन्नत मांग ली। 11 ब्राह्मणों को भोजन करवाने में बहुत पैसा लगेगा। उसने फिर से कहा भगवान यदि मै 11 ब्राह्मणों को भी भोजन नहीं करवा पाया तो वह कम से कम 1 ब्राह्मण को भोजन तो करवा ही देगा।
अब कंजूस सेठ को 1 ब्राह्मण को भोजन करवाना था। सेठ पुरे गांव में ऐसे ब्राह्मण की खोज करने लगा जो सबसे कम खाता हो। वह एक ब्राह्मण के पास पहुंचा और उससे पूछा की आप कितना खाना खाते हो मुझे एक ब्राह्मण को भोजन करवाना है। ब्राह्मण बहुत चालाक था वह समझ गया की सेठ बहुत कंजूस है। ब्राह्मण बोला मै तो मुश्किल से एक रोटी ही खा पाता हूँ।
यह सुनकर सेठ बहुत खुश हुआ और उसने ब्राह्मण को अगले दिन के लिए खाने का निमंत्रण दे दिया और कहा की आप सुबह 9 बजे से पहले ही खाने के लिए आ जाना। 9 बजे मै दुकान पर चला जाता हूँ। ब्राह्मण ने वैसा ही करने को कहा। अगले दिन जब ब्राह्मण 9 बजे तक भी खाने नहीं पहुँचा तो उसने अपनी बीवी को कहा की ब्राह्मण आये तो उसको खाना ख़िला देना। जब सेठ चला गया तब ब्राह्मण सेठ के घर आया।
सेठ की बीवी ने ब्राह्मण को खाना खिलाया और ब्राह्मण ने भी पेट भरकर खूब खाना खाया। ब्राह्मण को बातों से पता लग चूका था की सेठ की बीवी बहुत सीधी है। खाना खाने के बाद ब्राह्मण रोने लगा। जब सेठ की बीवी ने पूछा तो वह बोला की मुझे आपकी सास की याद आ गयी वह जब भी मुझे खाने के लिए बुलाती थी तो जाते समय घर के लिए राशन और 101 रूपए दिया करती थी।
ब्राह्मण की बात सुनकर सेठ की बीवी बोली की अगर मेरी सास आपको राशन और पैसे दिया करती थी तो मै भी आपको दूंगी। इसके बाद उसने ब्राह्मण को राशन और पैसे देकर भेजा। जिससे ब्राह्मण बहुत खुश हुआ और घर जाकर अपनी बीवी को सारी बात बताई।
जब सेठ घर पहुंचा तो सेठ ने अपनी बीवी से ब्राह्मण को भोजन करवाने की बात पूछी तो उसने सारी बात बताई। सारी बात सुनकर सेठ का माथा ठनक गया उसको पता लग गया की ब्राह्मण ने उसकी बीवी को ठग लिया। सेठ तभी ब्राह्मण के घर जाने के लिए चला।
सेठ को आता देख ब्राह्मण ने अपनी बीवी को समझाया की वह सेठ से उसके मरने की बात और जैसा उसने कहा है वैसा बोलने को कहा। सेठ जब ब्राह्मण के घर पहुंचा तो ब्राह्मण की बीवी ने ब्राह्मण के मरने की बात कहीं। सेठ के मरने के कारण पूछने पर उसने बोला की वह जब से आपके घर से भोजन करके आये थे तभी से उल्टी दस्त लग गए और फिर उनकी मृत्यु हो गयी।
ब्राह्मण की बीवी ने कहा की वह इतने गरीब है की उनके पास ब्राह्मण का दाह संस्कार करने के भी पैसे नहीं है। यह सब सुनकर सेठ डर गया की कहीं उनके भोजन से ही तो ब्राह्मण की मृत्यु तो नहीं हुई। उसने ब्राह्मण की बीवी को तभी 2000 रूपए और 2 महीने का राशन भिजवाने की बात कहीं और चला गया। इस तरह चालाक ब्राह्मण ने कंजूस सेठ को ही ठग कर सबक सिखाया।
Moral of the Story: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें कभी लालच नहीं करना चाहिए।
Final Words:
हम उम्मीद करते है की आपको नई Bacho Ki Kahani in Hindi में जरूर पसंद आयी होगी। आप इस बारे में अपनी राय जरूर दे।
Read more Stories:
अलीबाबा और चालीस चोर की हिंदी कहानी | Alibaba Aur 40 Chor Hindi Story
Best Story in Hindi for Class 1 | स्टोरी इन हिंदी फॉर क्लास 1
Real Ghost Most Scary Horror Stories in Hindi Written| सच्ची डरावनी भूत की कहानी हिंदी में
Best Top 10 Short Stories for Kids in Hindi | बच्चों की कहानियाँ