Short Stories for kids in hindi

Best Top 10 Short Stories for Kids in Hindi | बच्चों की कहानियाँ

Short Stories for kids in hindi
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Short Stories for Kids in Hindi

हैलो दोस्तों आज हम इस लेख में Stories for Kids in Hindi कुछ बहुत ही उम्दा कहानियों का संग्रह लेकर आये है। जिसको पढ़कर आपको बहुत ही आनंद की अनुभूति होगी। यह top short stories in hindi पेरेंट्स अपने children को सुना सकते है। यह moral कहानियाँ सुनकर आपके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी। जो उनको अच्छा इंसान बनने में मदद करेगा।

1. झूठा तोता

Stories for Kids in Hindi
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एक बार की बात है एक जंगल में बकबक नाम का तोता रहता था। वह बहुत ही झूठा था। वह जंगल के दूसरी पक्षियों और जानवरों  के सामने झूठ बोलकर अपनी बड़ाई करता था। एक दिन एक पेड़ पर एक चिड़िया बैठी थी।

वह चिड़िया के पास गया और बोला की वह गांव के जमींदार के पास गया था। वहां पर उसने बहुत सारी अच्छी-अच्छी मिठाई और पकवान खाएं। वह कभी जंगल के जानवरों के पास जाकर कहता कि मैं चील से भी ऊंचा उड़ सकता हूं और मैंने बहुत से देशों की यात्रा की है।

उसकी इन सभी हरकतों के कारण सारे जंगल को पता लग चुका था कि वह बहुत झूठ बोलता है। एक दिन जंगल में एक बहुत ही सुंदर कबूतर आया। सभी पक्षी उसे देखने के लिए आये। बकबक तोता भी उससे मिलने आया। तोते को देखकर कबूतर बोला तुम बकबक हो ना।

यह सुनकर तोता बोला हा मै ही बकबक तोता हूँ। इसके बाद वह अपनी तारीफ करने लगा की देखा बाहर के लोग भी मुझे जानते है। मै बहुत अमीर हूँ। मै बहुत अच्छा खाना खाता हूँ। मेरे पास बहुत से हीरे जवाहरात है। यह सुनकर कबूतर बोला मै शाही नौकर हूँ।

मै तो तुम्हे राजा के दरबार में अच्छे दावत के लिए आमंत्रित करने आया था। लेकिन तुम तो पहले से ही अच्छे से रह रहे हो और अच्छा खाते हो तो मै चलता हूँ। तोते ने जब यह सुना तो कहने लगा की मै तो बस अपनी बड़ाई कर रहा था। इसके बाद कबूतर ने तोते की एक न सुनी और चला गया। यह देखकर जंगल के सभी पक्षी और जानवर हॅसने लगे।

Moral of the story:

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।

2. जैसे को तैसा – Stories for Kids in Hindi

एक बार एक लोमड़ी और हंस दोस्त थे। लोमड़ी बहुत चालक थी और जंगल के दूसरे जानवरों के साथ चालाकी करती थी। उसने हंस के साथ भी एक दिन चालाकी करने की सोची। उसने हंस को बोला की आज मेरा जन्मदिन है तुम्हे मेरे घर दावत पर आना है।

मै आज चिकन सूप बनाउंगी। शाम को हंस लोमड़ी के घर दावत पर पहुंच गयी। लोमड़ी ने चालाकी से एक प्लेट में दोनों को चिकन सूप परोसा। लोमड़ी ने बड़े मज़े से प्लेट से चिकन सूप खा लिया। लेकिन हंस अपनी चोंच की वजह से कुछ भी नहीं खा पायी।

हंस को समझ आ गया की लोमड़ी ने उसको बेवकूफ बनाया है। इसके बाद हंस बिना कुछ खाये ही वहाँ से चली गयी। कुछ दिनों के बाद हंस लोमड़ी के घर आयी और बोली की आज मेरा जन्मदिन है मैंने तुम्हारे लिए चिकन सूप बनाया है। तुम मेरे घर आ जाना।

यह सुनकर लोमड़ी बहुत खुश हुई क्योंकि वह बहुत भूखी थी। उसने सोचा यह कितनी बेवकूफ है मैंने इसके साथ ऐसा किया लेकिन फिर भी यह मुझको खाने पर बुला रही है। शाम को लोमड़ी हंस के घर पहुंची। हंस ने दो सुराही में चिकन सूप परोसा।

हंस अपनी लम्बी चोंच की वजह से आसानी से सारा खाना खा गयी। लेकिन लोमड़ी का मुँह पतली सुराही में जा ही नहीं रहा था। अब लोमड़ी को समझ आ गया की उसने जिस तरह हंस को चालाकी दिखाई। हंस ने भी अपनी चतुराई से लोमड़ी को सबक सीखा दिया। इसके बाद लोमड़ी को बिना कुछ खाये ही लौटना पड़ा।

Moral of the story:

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें किसी को बेवकूफ नहीं समझना चाहिए।   

3. लालची कुत्ता – Short Stories in Hindi

Short Stories in Hindi
Short Stories in Hindi

एक किसान के पास एक कुत्ता था। वह बहुत ही लालची था। एक दिन किसान को किसी काम से शहर जाना था। वह उस दिन सुबह सुबह ही शहर को निकल गया। किसान शहर जाने से पहले कुत्ते को खाना देना भी भूल गया।

कुत्ते को बहुत भूख लग रही थी। वह खाने की तलाश में इधर उधर घूमने लगा। उसको खेत में एक हड्डी मिली। जिसको देखकर वह बहुत खुश हुआ। उसने सोचा इस हड्डी को वह नदी किनारे लेजाकर आराम से खाएगा। वह नदी किनारे गया।

नदी के पानी में उसने अपनी परछाई देखि। उसने सोचा वहाँ कोई दूसरा कुत्ता है और उसके पास भी हड्डी है। वह उस दूसरे कुत्ते की हड्डी भी लेना चाहता था। उसने हड्डी लेने के लिए जैसे ही भोंका। उसकी अपनी हड्डी नदी में गिर गयी और वह भूखा ही घर लौट गया।

Moral of the story:

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें लालच नहीं करना चाहिए।

4. साँप और नेवला – Short Stories in Hindi

एक बार एक किसान अपनी पत्नी और दूध पीते बच्चे के साथ एक गांव में रहता था। वह खेत में काम करके अपना गुजारा करता था। एक दिन उसे खेत में एक नेवले का बच्चा मिला। जिसे वह अपने साथ घर लेकर आ गया। नेवले को देखकर शुरू में उसकी पत्नी डर गयी।

लेकिन अपने पति के समझाने पर उसने नेवले को घर में रख लिया। कुछ समय बाद नेवले का बच्चा भी बड़ा हो गया। नेवला और किसान का बच्चा आपस में खेलते थे। जब बच्चा पालने में सोता तो नेवला भी पास में बैठ कर उसे देखा करता था।

बहुत बार किसान की पत्नी बच्चे और नेवले को घर में छोड़कर बाजार चली जाती थी। एक दिन इसी तरह किसान की पत्नी बाजार गयी हुई थी और घर में बच्चा और नेवला अकेले थे। कुछ समय बाद बच्चा पालने में सो गया। नेवला वही बैठा था। उसने देखा एक साँप खिड़की से निकल कर आ गया।

जैसे ही वह बच्चे की तरफ बढ़ा उसने साँप पर हमला करके उसे मार दिया। जिससे नेवले के मुँह में खून लग गया। कुछ समय बाद किसान की पत्नी लौटी तो उसने दरवाजे पर नेवले को देखा जिसके मुँह में खून लगा हुआ था। उसने बिना कुछ सोचे नेवले को मार कर भगा दिया।

उसने सोचा उसने बच्चे को मार दिया। लेकिन जब वह अंदर कमरे में गयी तो उसे मारा हुआ साँप नज़र आया। अब उसको सारी बात समझ आयी। लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी।

Moral of the story:

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें बिना पूरी बात जाने किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए।

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5. कौआ और चिड़िया – Stories for Kids in Hindi

एक जंगल में एक चिड़ियाँ अपने बच्चों के साथ रहती थी। एक दिन रात को बहुत तेज़ बारिश आयी और हवा चली। जिससे चिड़िया का घोंसला उड़ गया। चिड़िया और उसके बच्चे जमीन पर गिर गए। चिड़िया पास में रहने वाले कौए के पास गयी और बोली जब तक बारिश नहीं रूकती।

मुझे और मेरे बच्चे को अपने घर रहने दो। लेकिन कौए ने मना कर दिया। इसके बाद चिड़िया ने अपना पक्का घर बना लिया। कुछ समय बाद बहुत तेज़ तूफ़ान आया। जिससे कौए का घोसला टूट गया। कौआ अपने बच्चों के साथ चिड़ियाँ के घर गया और वहाँ रुकने की विनती की।

चिड़ियाँ बहुत दयालु थी। उसने कौए और उसके बच्चों को वहाँ रुकने दिया। कौए को अब बहुत शर्मिंदगी हुई की उसने चिड़िया को अपने घर पर रुकने के लिए मना किया फिर भी चिड़ियाँ ने आज उसकी मदद की। इसके बाद कौआ और चिड़ियाँ अच्छे दोस्त बन गए।

Moral of the story:

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

6. बदसूरत पेड़

एक हरे भरे जंगल में बहुत सारे पेड़ थे। वहाँ पीपल , आम, सेब, नीम, शीशम, आदि के पेड़ थे। सब पेड़ों के बीच एक पेड़ का तना बहुत चौड़ा और मुड़ा हुआ था। जो देखने में बहुत ही भद्दा लगता था। सब पेड़ उसको देखकर उसका मज़ाक उड़ाते थे।

वह पेड़ जिससे बहुत निराश होता और भगवान से कहता आपने मुझे क्यों इतना बदसूरत बनाया। मै बाकि पेड़ो की तरह क्यों नहीं हूँ। एक दिन उस जंगल में एक लकड़हारा आया। उसने उस बदसूरत पेड़ को देखा और कहा की इसका तना कितना चौड़ा है। यह मेरे किसी काम का नहीं है। 

फिर उसने उसके साथ के बाकि सभी पेड़ को काट दिया और लेकर चला गया। इसके बाद उस पेड़ ने कहा भगवान जो भी करते है अच्छे के लिए करते है। आज मेरी बदसूरती ने मेरी जान बचाई है।

Moral of the story:

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें अपनी परेशानियों के लिए ईश्वर को दोष नहीं देना चाहिए। उसके पीछे जरूर कोई न कोई कारण होता है। 

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7. ग़ुस्सैल बच्चा

एक बार रमन नाम का एक लड़का था। वह बहुत ग़ुस्सैल था। जो छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाता था। जब भी वह गुस्सा होता तो अपने आसपास की चीजों को तोड़ने लग जाता था। उसकी इस आदत से सभी दुखी थे। एक दिन उसके पिता ने रमन को बुलाया।

उन्होंने रमन को एक बॉक्स दिया। वह बॉक्स किलों से भरा हुआ था। उन्होंने रमन को कहा कि अब तुम्हें जब भी गुस्सा आए तब तुम इसमें से 1 कील लेकर पीछे की दीवार पर घुसा देना। अब रमन ऐसा ही करता उसको जब भी  गुस्सा आता तो वह एक कील को लेकर उस सुंदर दीवार में घुसा देता था।

कुछ समय बाद वह दीवार पूरी कीलो से भरने लगी। अब रमन थोड़ा गुस्सा भी कम करने लगा। इस तरह 1 दिन ऐसा आया जिस दिन रमन ने कोई गुस्सा नहीं किया। उसने यह बात अपने पिता को बताई। उसके पिता ने उसको दूसरा काम दिया और कहा अब तुम जिस दिन कोई गुस्सा ना करो।

उस दिन उस दीवार पर जाकर एक कील को निकाल देना। अब रमन ऐसा ही करने लगा। इस तरह कुछ ही दिनों में पूरी दीवार कीलो से खाली हो गई। वह इसके बाद दोबारा अपने पिता के पास गया। उसके पिता रमन को उस दीवार के पास लेकर गए।

उन्होंने कहा कि यह दीवार हमारी जिंदगी की तरह है। हम जब भी गुस्सा करते हैं। तब हो सकता है कुछ समय बाद लोग हमें माफ कर दे। लेकिन उससे जो नुकसान हुआ है। वह हमेशा रहते हैं। इसलिए हमें कभी गुस्सा नहीं करना चाहिए। यह बात अब रमन को अच्छे से समझ आ गई थी। और अब वह कभी भी ग़ुस्सा नहीं करता। जिससे सभी लोग उसे पसंद करने लगे।

Moral of the story:

हमें ग़ुस्सा करने से बचना चाहिए।

8. दो कौए

एक बार दो कौए गोलू और भोलू थे। गोलू थोड़ा धूर्त था।  भोलू बहुत सीधा था। उन दोनों में इस बात को लेकर बहस हो गयी की। हम दोनों में कौन श्रेष्ठ है। गोलू ने कहा मै तुमसे ताकतवर हूँ इसलिए मै श्रेष्ठ हूँ। भोलू बोला मै तुमसे उम्र में बड़ा हूँ इसलिए मै श्रेष्ठ हूँ।

उन्होंने आपस में एक प्रतियोगिता रखी की एक भरा हुआ थैला लेकर जो ऊपर उड़ेगा वह श्रेष्ठ होगा। गोलू धूर्त था। उसने अपने थैले को रुई से भर लिया। जबकि भोलू ने अपने थैले को नमक डाल कर भर लिया। अपने अपने थैले लेकर दोनों उड़ने लगे।

गोलू अपना हल्का थैला लेकर ऊपर उड़ने लगा। जबकि भोलू अपने नमक से भरे थैले से नीचे ही उड़ रहा था। लेकिन वह फिर भी ऊपर  जाने का प्रयास कर रहा था। तभी जोर की बारिश होने लगी। जिससे रुई भारी हो गयी और नमक हल्की। अब भोलू गोलू से ऊपर उड़ रहा था। जिससे वह प्रतियोगिता जीत गया।

Moral of the Story:

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें ईमानदारी से  काम करना चाहिए।

9. शेर और हाथी की दोस्ती

एक जंगल में एक शेर था। वह बहुत भूखा था। उसने एक हिरण को देखा और उसको मारकर खा गया। लेकिन हिरण की हड्डी शेर के गले में फ़स गयी। अब शेर को बहुत दर्द हो रहा था। वह जंगल के जानवरो के पास मदद मांगने गया। उसने एक मोर को देखा और हड्डी निकालने को कहा।

मोर ने कहा तुम झूठ बोल रहे हो। इसके बहाने तुम मेरा शिकार करना चाहते हो। यह कहकर वह चला गया। इसके बाद शेर को भालू नज़र आया। भालू ने भी शेर को कहा की मुझे अभी नींद आ रही है। तुम यहाँ से चले जाओ। इसके बाद शेर आगे गया।

वहाँ उसने एक हाथी को आम के पेड़ के नीचे खड़े देखा। जो आम खाना चाहता था। लेकिन वह आम तक नहीं पहुँच पा रहा था। उसने हाथी को कहा की मै तुम्हारे लिए आम तोड़ दूंगा। लेकिन उससे पहले तुमको मेरे गले में फसी हड्डी को निकालना होगा। इस पर हाथी मान गया।

हाथी ने शेर के गले से हड्डी निकाल दी। इसके बाद शेर ने भी पेड़ पर चढ़कर हाथी के लिए आम तोड़ दिए। इस तरह शेर और हाथी एक दूसरे के दोस्त बन गए।

Moral of the story:

हमें हर किसी के दोस्ती बना कर रखनी चाहिए क्या पता किस मुसीबत में में कौन काम आ जाये।

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10. अपने पर विश्वास रखो – Short Stories for Kids in Hindi

एक गाँव में राम और श्याम नाम के दो दोस्त रहते थे। राम 10 साल का था। जबकि श्याम 6 साल का। एक दिन दोनों खेलते खेलते गांव से बाहर पहुंच गए। वहाँ राम खेलता हुआ एक कुँए में जाकर गिर गया। राम को तैरना नहीं आता था। श्याम ने राम को बचाने के लिए बहुत जोर जोर से सहायता के लिए आवाज़ लगाई।

लेकिन वहाँ पर कोई नहीं था। तभी श्याम को पास में एक रस्सी से बंधी हुई बाल्टी नज़र आयी। श्याम ने वह बाल्टी कुँए में फेंक दी और राम को इसको पकड़ने को कहा। इसके बाद श्याम इसको जोर से खींचने लगा। कुछ समय बाद राम कुँए से बाहर आ गया।

जिससे दोनों खुश हुए और अपने गाँव लौट गए। गांव पहुंचकर उन्होंने यह बात सबको बताई। लेकिन कोई भी उनकी इस बात को मानने को तैयार नहीं था की श्याम राम को कुँए के बाहर खींच सकता है। लेकिन तभी एक बुजुर्ग बोला यह सच बोल रहे है।

क्योंकि वहाँ पर कोई भी यह बात बताने वाला नहीं था की श्याम तुम यह नहीं कर सकते। लेकिन श्याम को अपने आप पर भरोसा था। जिससे वह यह कर पाया।

Moral of the story:

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें अपने आप पर भरोसा रखना चाहिए। जिससे हम असंभव काम को भी संभव कर सकते है।

हम उम्मीद करते है की इन short stories in hindi for kids आपको जरूर पसंद आयी होगी। इन moral stories पर आप अपने childrens की प्रतिकिर्या नीचे comment के द्वारा भी दे सकते है।

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