Amir Garib Ki Kahani
Amir Garib Ki Kahani: एक बार की बात है गीता और टीना नाम की दो सहेली थी। गीता के पिता एक स्कूल में टीचर थे। जबकि टीना के पिता एक बिजनेसमैन थे। टीना अमीर थी जबकि गीता गरीब थी। टीना थोड़ी लापरवाह किस्म की लड़की थी। जबकि गीता एक समझदार और अपने काम को सही से करने वाली लड़की थी।
कुछ समय के बाद वह दोनों बड़े हुए और एक कॉलेज में पढ़ने लगे। टीना को अपने ही कॉलेज में पढ़ने वाले एक अमीर घर के लड़के से प्यार हो गया और उन्होंने कॉलेज के बाद शादी कर ली। गीता की शादी कॉलेज के बाद मिडिल क्लास के एक सरकारी क्लर्क से हुई।
शादी के कुछ सालों के बाद जब गीता रास्ते में सब्जी लेने जा रही थी तभी उसके पास एक लग्जरी कार आकर खड़ी हुई। उस कार में से टीना उतरी। दोनों ने एक दूसरे का हालचाल पूछा। गीता ने टीना को अपने घर पर आमंत्रित किया। इसके बाद टीना गीता के घर पर गई।
टीना ने गीता के घर और उसकी लोकेलिटी के बारे में कुछ कुछ कहना शुरू कर दिया। टीना ने गीता को कहा कि तुम इतने छोटे घर में कैसे रहती हो और तुम्हारे साथ तो तुम्हारे सास ससुर भी रहते हैं। तुम कैसे मैनेज कर पाती हो। लेकिन गीता ने टीना की बात का बुरा नहीं माना और बड़ी ही समझदारी से उसका जवाब दिया।
टीना ने गीता को अगले दिन अपने लड़के के बर्थडे पर आमंत्रित किया। गीता अपने पति और अपने लड़के के साथ टीना के घर पर पहुंची। टीना एक अच्छी सोसाइटी में एक बिल्डिंग में एक फ्लैट में रहती थी। टीना ने गीता के सामने अपनी बिल्डिंग और फ्लैट की तारीफ करनी शुरू कर दी।
गीता ने टीना से जब उसके पति के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वह आज अपने बेटे के Birthday में नहीं आ पाएंगे क्योकि वह बिजनेस में बिजी है। थोड़ी देर के बाद उन्होंने बेटे का बर्थडे सेलिब्रेट किया। इसके बाद गीता अपने पति और बच्चे के साथ अपने घर पर वापस लौट आए।
कुछ दिनों के बाद शहर में एक बड़ा भूकंप आया। जिसके कारण टीना जिस बिल्डिंग में रहती थी वह भी धराशाई हो गई। जब गीता को इस बारे में खबर लगी तो उसने टीना को फोन किया। टीना ने बताया कि हादसे के वक्त वह बिल्डिंग में नहीं थी। लेकिन अब उनके पास रहने के लिए घर नहीं है।
गीता ने अपनी सहेली को जब तक दूसरे घर का जुगाड़ नहीं होता अपने घर में आने के लिए कहा। टीना अपने पति और बेटे के साथ गीता के घर पर गयी। गीता ने टीना को दूसरे घर के जुगाड़ होने तक अपने घर में बड़े प्यार के साथ रखा।
टीना को गीता के प्यारे बर्ताव और उनके परिवार के आपस में मिल जुल कर रहने के रवैये को देखकर बहुत अच्छा लगा। टीना को अपने पहले के गीता को नीचे दिखाने की हरकत पर पछतावा हुआ। अब उसे पता चल चुका था कि सादगी भरा जीवन अपने पुरे परिवार के साथ मिल जुलकर रहने में ही सच्चा सुख है।
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