Bhagavad Gita Quotes in Hindi
Bhagavad Gita Quotes in Hindi: दोस्तों आज हम आपको इस article में भगवद गीता के अनमोल वचन के बारे में बताने वाले है। bhagwat geeta हिन्दू धर्म की एक पवित्र किताब है। इस किताब में श्री कृष्ण के अनमोल वचन का सार दिया गया है। यह वचन उपदेश के रूप में श्री कृष्ण ने अर्जुन को महाभारत के युद्ध के समय दिए थे। इन quotes ने अर्जुन की मन की दुविधा को दूर करके सही निर्णय लेने में मदद की। आप भी इन motivational bhagavad gita quotes को जानकर अपने जीवन में इनका पालन कर सकते है। यह आपके मन को शांत करके आपको जीवन की हर मुसीबत से लड़ने में सहायता करेंगे। आपको जीवन में सफलता के लिए इनका अनुसरण करना चाहिए।
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥
अर्थात: इस श्लोक का अर्थ है की मनुष्य का कर्म पर अधिकार है। जिसको वह अपनी इच्छा अनुसार कर सकता है। मनुष्य का कर्म को करने के बाद फल पर कोई भी अधिकार नहीं है। इसलिए मनुष्य को केवल कर्म करना चाहिए फल की चिंता नहीं करनी चाहिए।
- जिस तरह प्रकाश की ज्योति अँधेरे में चमकती है, ठीक उसी प्रकार सत्य भी चमकता है। इसलिए हमेशा सत्य की राह पर चलना चाहिए।
- तुम क्यों व्यर्थ में चिंता करते हो ? तुम क्यों भयभीत होते हो ? कौन तुम्हे मार सकता है ? आत्मा न कभी जन्म लेती है और न ही इसे कोई मार सकता है, ये ही जीवन का अंतिम सत्य है।
- एक ज्ञानवान व्यक्ति कभी भी कामुक सुख में आनंद नहीं लेता।
- वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं ” और “मेरा ” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शान्ति प्राप्त होती है।
- कर्म मुझे बांधता नहीं, क्योंकि मुझे कर्म के प्रतिफल की कोई इच्छा नहीं।
- कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है।
- मेरा तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो।
- क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है, जब बुद्धि व्यग्र होती है, तब तर्क नष्ट हो जाता है, जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।
- जो लोग ह्रदय को नियंत्रित नही करते है, उनके लिए वह शत्रु के समान काम करता है।
- धन और स्त्री सब नाश रूप है। मेरी भक्ति का नाश नहीं है।
- फल की लालसा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है।
- जिस प्रकार मनुष्य पुराने कपड़ो को त्याग कर नये कपड़े धारण करता है, उसी प्रकार आत्मा पुराने तथा व्यर्थ के शरीरों को त्याग कर नया भौतिक शरीर धारण करता है।
- जो दान कर्तव्य समझकर, बिना किसी संकोच के, किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दिया जाए, वह सात्विक माना जाता है।
- मानव कल्याण ही भगवत गीता का प्रमुख उद्देश्य है, इसलिए मनुष्य को अपने कर्तव्यों का पालन करते समय मानव कल्याण को प्राथमिकता देना चाहिए।
- न तो यह शरीर तुम्हारा है और न ही तुम इस शरीर के मालिक हो, यह शरीर 5 तत्वों से बना है – आग, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश, एक दिन यह शरीर इन्ही 5 तत्वों में विलीन हो जाएगा।
Bhagavad Gita Quotes on Positive Thinking
- कोई भी व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि वह व्यक्ति एक विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करें।
- तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो, तुम क्या लाए थे जो तुमने खो दिया, तुमने क्या पैदा किया था जो नष्ट हो गया, तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया, जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का होगा, क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है।
- समय से पहले और भाग्य से अधिक कभी किसी को कुछ नही मिलता है।
- वह व्यक्ति जो अपनी मृत्यु के समय मुझे याद करते हुए अपना शरीर त्यागता है, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है और इसमें कोई शंशय नही है।
- अपने आपको भगवान के प्रति समर्पित कर दो, यही सबसे बड़ा सहारा है, जो कोई भी इस सहारे को पहचान गया है वह डर, चिंता और दुखो से आजाद रहता है।
- धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है, उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता जाता रहता है।
- सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता न इस लोक में है और न ही परलोक में।
- अपने परम भक्तों, जो हमेशा मेरा स्मरण या एक-चित्त मन से मेरा पूजन करते हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से उनके कल्याण का उत्तरदायित्व लेता हूँ।
यस्मान्नोद्विजते लोको लोकान्नोद्विजते च य: ।
हर्षामर्षभयोद्वेगैर्मुक्तो य: स च मे प्रिय:॥
अर्थात: इस श्लोक में श्री कृष्ण बताते है की जो मनुष्य किसी दूसरे व्यक्ति को हानि नहीं पहुँचाता। जो मनुष्य किसी भी परिस्थिति में दुःखी नहीं होता और दुःख और खुशी के समय में एक समान व्यवहार करता है। वह व्यक्ति मुझे प्रिय होता है।
- जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना। इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो।
- मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।
- अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है।
Bhagavad Gita Quotes on Life
- भाग्य के भरोसे केवल वही लोग बैठे रहते है, जो जीवन में कुछ करने के लिए अंदर से प्रेरित नहीं होते |
- जो चीज़ हमारे दायरे से बाहर हो,उसमें समय गंवाना मूर्खता ही होगी |
- श्रेष्ठ बनना भी एक महानता है,क्योंकि समाज में लोग श्रेष्ठ पुरुषों का ही अनुसरण करते है |
- मैं सभी प्राणियों के ह्रदय में विद्यमान हूँ।
- हमेशा आसक्ति से ही कामना का जन्म होता है।
- मन बहुत ही चंचल होता है और इसे नियंत्रित करना कठिन है। परन्तु अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।
- सम्मानित व्यक्ति के लिए अपमान मृत्यु से भी बदतर होती है।
- इस जीवन में कुछ भी व्यर्थ नहीं होता है।
- बुद्धिमान व्यक्ति ईश्वर के सिवा और किसी पर निर्भर नहीं रहता।
- कर्म योग एक बहुत ही बड़ा रहस्य है।
- जब व्यक्ति अपने कार्य में आनंद प्राप्त कर लेता है तब वह पूर्ण हो जाता है।
- जो व्यक्ति जिस भी देवता की पूजा करता है मैं उसी में उसका विश्वास बढ़ाने लगता हूँ।
- मैं भूत, वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को जानता हूँ लेकिन कोई भी मुझे नहीं जान पाता।
Bhagavad Gita Quotes for Students
- हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है।
- जब जब इस धरती पर पाप, अहंकार और अधर्म बढ़ेगा। तो उसका विनाश कर धर्म की पुन: स्थापना करने हेतु, मैं अवश्य अवतार लेता रहूंगा।
- जिस भाव से सारे लोग मेरी शरण ग्रहण करते है, उसी के अनुरूप मैं उन्हें फल देता हूँ।
- जो होने वाला है वो होकर ही रहता है, और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं होता, ऐसा निश्चय जिनकी बुद्धि में होता है, उन्हें चिंता कभी नही सताती है।
- जो व्यवहार आपको दूसरों से पसंद ना हो, ऐसा व्यवहार आप दूसरों के साथ भी ना करें।
- अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग केवल आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे, इसलिए लोग क्या कहते है इस पर ध्यान मत दो, तुम अपना काम करते रहो।
- मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।
- परिवर्तन ही संसार का नियम है, एक पल में हम करोड़ों के मालिक हो जाते है और दुसरे पल ही हमें लगता लगता है की हमारे आप कुछ भी नही है।
- मन की गतिविधियों, होश, श्वास, और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है।
- किसी दूसरे के जीवन के साथ पूर्ण रूप से जीने से अच्छा हैं की हम अपने स्वंय के भाग्य के अनुसार अपूर्ण जियें।
- वह जो इस ज्ञान में विश्वास नहीं रखते, मुझे प्राप्त किये बिना जन्म और मृत्यु के चक्र का अनुगमन करते हैं।
- एक उपहार तभी अच्छा और पवित्र लगता हैं जब वह दिल से किसी सही व्यक्ति को सही समय और सही जगह पर दिया जायें.और जब उपहार देने वाला व्यक्ति का दिल उस उपहार के बदले कुछ पाने की उम्मीद ना रखता हो।
- नर्क के तीन द्वार हैं: वासना, क्रोध और लालच।
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥
अर्थात: इस श्लोक में श्री कृष्ण अर्जुन को बताते है की जब जब पृथ्वी पर धर्म का नाश होता है और अधर्म की वृद्धि होती है। तब तब धर्म की रक्षा के लिए में जन्म लेता हूँ।
Final words:
हम उम्मीद करते है की आपको हमारे द्वारा ऊपर दिए गए दिल को छूने वाले Bhagavad Gita Quotes in Hindi, Bhagavad Gita Quotes on Life, Bhagavad Gita Quotes for Students पसंद आये होंगे। आप इन भगवद गीता अनमोल वचन को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर कर सकते है। जिससे वह भी इन्हें अपने जीवन में लागू कर सके।
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