Funny Story in Hindi | बहुत ही मजेदार फनी कहानी

Funny Story in HIndi

Funny Story in Hindi – सबसे बड़ा पेटू

Funny Story in Hindi: एक बार की बात है। एक गांव में कैलाश नाम का एक व्यक्ति रहता था। वह बहुत मोटा था। इसके साथ ही वह बहुत बड़ा पेटू था। वह अकेला ही बहुत लोगों का खाना खा जाया करता था। जिसके कारण गांव के कोई भी लोग उसे शादी पार्टी में न्योता नहीं देते थे। उसकी अधिक खाना खाने की आदत से उसकी बीवी मीना भी बहुत परेशान थी। एक दिन गांव में एक व्यक्ति हरिया की लड़की की शादी थी। कैलाश बिना बुलाए ही उसकी लड़की की शादी में पहुंच गया। उसने शादी में जाकर जी भर कर बहुत सारी पुड़िया, सब्जी, गुलाब जामुन, रसमलाई खाई। यह देख कर खाना देने वाले लोग भी बहुत परेशान हो गए। वह सोचने लगे यदि यह इसी तरह खाना खाता रहा तो बारातियों के लिए भी खाना नहीं बचेगा।

इसके बाद खाना देने वाले लोग हरिया को बुलाकर लेकर आए। हरिया ने कैलाश से कहा कि भैया अब बस करो मेरी बेटी की शादी है। कैलाश ने बोला कि मुझे पता है कि तुम्हारी बेटी की शादी है। अब मैं केवल 3-4 डोंगे भरकर खीर खाऊंगा। आज मेरा पेट खराब है इसके कारण मैं इतना कम खाना खा रहा हूं। उसकी यह बात सुनकर सभी लोग हंसने लगे। खीर खाने के बाद में वह अपने घर चला गया। अगले दिन कुए पर पानी भरने जाते हुए मीना को पता लगा की उसके पति की इस खाने की आदत के कारण अब कोई भी अपनी दावत में कैलाश को खाने पर नहीं बुलाएगा।

अगले दिन कैलाश को पता लगा कि किसान के बेटे की शादी है। इसके लिए वह तैयार होकर शादी में जाने लगा। जब उसकी पत्नी ने पूछा तो उसने किशन के बेटे की शादी में जाने के लिए बोला। जब मीना ने कहा कि उसकी शादी के लिए तो आपको न्यौता ही नहीं दिया। तब कैलाश कहने लगा कि शादी के काम में कभी-कभी न्यौता देना भूल जाते हैं इसका मतलब यह तो नहीं कि मैं शादी में ना जाऊं। कैलाश की बात सुनकर मीना का माथा ठनका लेकिन वह कर ही क्या सकती थी।

दूर से भी कैलाश को आता देखकर वहां पर कुछ लोगों ने एक लड़के को कहा कि जब कैलाश यहां पर आए तो उसको बोल देना कि बारात चली गई है। कैलाश के वहाँ पर पहुंचने पर उस लड़के ने वैसा ही कहा। कैलाश के बारात के जाने का रास्ता पूछने पर उसने कैलाश को गलत रास्ता बता दिया। उस रास्ते पर पहुंचकर कैलाश का नदी मिली जिससे उसे पता लग गया कि उसे गलत रास्ता बताया गया है। इसके बाद में अपने घर चला गया।

इसके कुछ दिनों के बाद गांव में यह कहलवाया गया की कल जमींदार के पोते का जन्मदिन है इसलिए सभी गांव वालों को न्यौता है। जब कैलाश ने यह बात सुनी तो वह बहुत खुश हुआ। वह तैयार होकर अगले दिन जमींदार के घर पर जाने लगा। जब जमींदार के घर के दरवाजे पर वह पहुँचा तो दरबान ने उसे रोक दिया और बोला की सभी का न्यौता है तुम्हे छोड़कर। यह सुनकर वह मायूस हो गया। इसके बाद वह छुपकर न्यौते वाली जगह पर पहुंच गया। जब सभी ने कैलाश कहां पर देखा तो वह जमींदार को बुला लाये। कैलाश ने जमींदार को कहा कि आपके पोते के जन्मदिन पर सभी को न्यौता है लेकिन केवल मुझे भी न्योता क्यों नहीं है।

इस पर जमींदार ने कहा कि तुम भी यहां पर भोज का आनंद ले सकते हैं लेकिन तुम्हें मेरे तीन पहलवान के साथ एक खाने का कंपटीशन करना होगा। यदि तुम जीते तो तुम्हें ₹10000 का इनाम मिलेगा। यदि तुम हारे तो तुम्हें हमेशा खाना कम खाने की मेरी बात माननी पड़ेगी। कैलाश इस बात पर सहमत हो गया। इसके बाद खाने का कंपटीशन शुरू हो गया।

कैलाश और तीन पहलवान खाना खाने लगे। लोग उनको खाना दे दे कर थक गए। अंत में कैलाश ने अकेले ही खाने के कंपटीशन में जमींदार के तीन पहलवानों को हरा दिया। लेकिन उसकी हालत बहुत खराब हो गई। जमींदार ने कैलाश पर 10000 देते हुए बोला कि तुम अपनी हालत देखो। यदि खाना खाने पर ऐसी हालत हो जाए तो ऐसा खाना खाना क्या ठीक है। इसलिए अब से तुम लिमिट से खाना खाया करो। यदि तुम लिमिट से कम खाना खाओगे तो गांव के सब लोग तुमको खाने पर न्यौता देंगे। कैलाश जमींदार की बात मान गया। लेकिन अभी खाना खाने के कारण वह वहीं पर लेट गया। जिस पर सभी लोग हंसने लगे।

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