भविषयवाणी | Moral Stories in Hindi for Class 8

Moral Stories in Hindi for Class 8
Moral Stories in Hindi for Class 8

Moral Stories in Hindi for Class 8

एक बार की बात है रवि नाम का एक व्यक्ति था। उसको बचपन से ही जादू टोने और अंधविश्वास में बहुत रूचि थी। एक दिन उसको उसका बचपन का मित्र रोहन मिल गया। वह रोहन को देखकर बहुत खुश हुआ और बोला हम दस साल बाद मिल रहे है।

रोहन बोला वह कंपनी के किसी काम से वहाँ पर आया है। रोहन ने रवि के हाथ में हरे रंग की अंगूठी देखी और पूछा यह तुमने क्यों पहन रखी है। रवि बोला यह मुझे एक बाबा ने बहुत रूपए में दी थी।

वह बोल रहा था की इससे में बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा। रोहन ने पूछा की फिर ऐसा हुआ। रवि बोला अभी तक तो नहीं हुआ लेकिन जल्द ही कुछ जरूर होने वाला है। इसके बाद रोहन चला गया। एक दिन रवि को रास्ते में एक पोस्टर चिपका हुआ दिखा जिसमे लिखा था की 5000 रूपए दो और अपना भविष्य जानो।

रवि उस जगह गया और एक व्यक्ति को 5000 रूपए देकर बाबा के पास पहुंचा जो हिमालय से आये थे। रवि ने बाबा से पूछा मुझे यह जानना है की मै सफल इंसान कब बनूँगा। बाबा ने रवि को बताया की वह कभी भी सफल इंसान नहीं बनेगा क्योंकि वह तो 2 महीने में मरने वाला है।

रवि यह सुनकर बहुत दुखी हुआ। उसको इसके बाद रात भर नींद नहीं आयी। वह अगले दिन बैंक गया और सब कागज़ भरकर 1 करोड़ का लोन ले आया। उसने इससे 1 बड़ा घर बुक किया और गाड़ी ले आया।

Moral Stories in Hindi for Class 8

उसकी बीवी ने जब गाड़ी देखी तो वह बहुत खुश हुई। रवि उसी गाडी में अपनी बीवी को बैठाकर वह घर दिखा कर आया जो उसने बुक किया था। उसकी बीवी बहुत खुश थी लेकिन उसने रवि से पूछा की वह सब उसने कैसे किया।

रवि ने अपनी बीवी को इसका राज बाद में बताने को कहा। रवि इसके बाद अपनी बीवी को सिंगापुर भी घुमा लाया। रास्ते में आते समय रवि की बीवी के पूछने पर रवि बोला एक बहुत बड़े बाबा ने बोला है की मेँ दो महीने में मरने वाला हूँ।

रवि की बीवी यह सुनकर बहुत रोई। रवि बोला यह सब उसने बैंक से लोन लेकर किया है जो की रवि के मरने के बाद किसी को चुकाना नहीं पड़ेगा। एक महीने के बाद रवि और उसकी बीवी नए घर में shift हो गए।

रवि की बीवी ने रवि से बोला की आप मेरे लिए इतना सब कर ही रहे हो तो मेरे लिए सोने के कंगन भी बना दो। रवि को गुस्सा आया लेकिन उसने बचे पैसों से अपनी बीवी को सोने के कंगन बना दिए। इसके बाद दो महीने पुरे हो गए।

रवि बहुत दुखी था की उस दिन वह मरने वाला था। लेकिन दिन में रवि को कुछ नहीं हुआ तो उसने सोचा शायद वह रात में मर जायेगा। लेकिन रात भी बीत गयी और दूसरा दिन शुरू हो गया।

रवि और उसकी बीवी बहुत खुश हुए। इसके बाद बैंक से रवि को फ़ोन आया की वह जल्दी से क़िस्त के 100000 रूपए भर दे नहीं तो वह उसके घर आ जायेंगे।

रवि को पता चल चूका था की बाबा ने उसको बेवकूफ बनाया है और इन सब अंधविश्वास में कुछ नहीं रखा। उसने निर्णय किया की वह घर गाड़ी बेचकर loan चुकाएगा।

Moral of the story

सीख : हमें कभी भी अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए। इसका नतीज़ा हमेशा बुरा ही होता है।

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