
रहस्यमयी जंगल की अनोखी कहानी
एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव के पास एक रहस्यमयी जंगल था। लोग कहते थे कि जो भी उस जंगल में गया, वह कभी वापस नहीं आया। लेकिन गाँव के एक निडर युवक, अर्जुन, ने इस रहस्य को जानने की ठान ली।
अर्जुन ने अपनी तैयारी की और एक रात चुपचाप जंगल की ओर निकल पड़ा। जैसे ही वह जंगल के अंदर पहुँचा, उसे अजीब-अजीब आवाज़ें सुनाई देने लगीं। कुछ दूरी पर उसे एक चमकती हुई रोशनी दिखाई दी।
जिज्ञासा के कारण वह धीरे-धीरे उस रोशनी की ओर बढ़ा और देखा कि वहाँ एक पुराना मंदिर था, जो वर्षों से वीरान पड़ा था। लेकिन जैसे ही उसने मंदिर का दरवाजा खोला, वह एकदम हैरान रह गया। वहाँ सोने-चाँदी के खजाने से भरी हुई मूर्तियाँ रखी थीं।
तभी अचानक उसे एक बुजुर्ग साधु मिले, जिन्होंने कहा, “बेटा, यह खजाना तुम्हारा नहीं, यह उन लोगों की परीक्षा लेने के लिए रखा गया है जो लालच में अंधे हो जाते हैं। अगर तुम इस खजाने को ले जाने का प्रयास करोगे, तो तुम्हें भयानक श्राप मिलेगा।”
अर्जुन ने समझदारी दिखाई और बिना खजाना लिए गाँव लौट आया। उसने गाँववालों को इस रहस्य के बारे में बताया और सबको समझाया कि लालच कभी अच्छा नहीं होता।
इसके बाद वह जंगल कभी भी किसी के लिए खतरनाक नहीं रहा, और अर्जुन की समझदारी के कारण गाँव वाले सुख-शांति से रहने लगे।
सीख:
यह कहानी हमें सिखाती है कि लालच का अंत हमेशा बुरा ही होता है और सच्ची बहादुरी समझदारी में होती है।
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