Ichchadhari Nagin Ki Kahani
Ichchadhari Nagin Ki Kahani:एक बार की बात है एक गांव में नाग नागिन का जोड़ा रहता था। वह आपस में एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। एक बार गांव में शहर से दो दोस्त रवि और विशाल आए। वह गांव में घूम कर गांव के प्राकृतिक सौंदर्य का मजा ले रहे थे। तभी उन्हें उस नाग नागिन के जोड़े में से नाग दिखाई दिया।
जब उन दोनों ने उस नाग को देखा तो उन्हें वह कोबरा जाति का नाग लगा। उन्होंने सुना हुआ था कि कोबरा जाति का नाग बहुत ही खतरनाक होता है। वह उस नाग के शांत रहने के बावजूद उसे छेड़ने लगे। उस समय नागिन वहां पर मौजूद नहीं थी।
उन दोनों दोस्तों ने थोड़ी देर से नाग को डंडे से छेड़ने के बाद उस नाग की पत्थर मार मार कर हत्या कर दी। थोड़ी देर बाद नागिन वहां पर पहुंची। उसने नाग को मरा हुआ पाया। जिससे वह बहुत दुखी हुई।
इसी दुख में नागिन इधर-उधर भटकने लगी। वह भटकती हुई एक जंगल में पहुंची। जहां पर बहुत पुराने नाग रहते थे। वहाँ उसकी मुलाकात एक बहुत बूढ़े नाग से हुई। नागिन ने उस बूढ़े नाग को अपनी सारी समस्या बता दी।
इच्छाधारी नागिन की कहानी
उसे बूढ़े नाग ने नागिन को अपने पास मौजूद नागमणि दी। इस नागमणि की मदद से वह नागिन इच्छाधारी नागिन बन गई। जिससे वह जब चाहे किसी का भी रूप धारण कर सकती थी। उसने नागमणि में देखकर अपने नाग के कातिलों का पता लगा लिया।
उसे पता लग चूका था की उसके नाग को दोनों दोस्तों ने कैसे तड़पा तड़पा कर मार डाला। वह उन दोनों से नाग की मौत का बदला लेना चाहती थी। नाग की मौत का बदला लेने के लिए वह शहर चली गई।
इच्छाधारी नागिन ने एक सुंदर लड़की तान्या का रूप धारण कर लिया। जिसके बाद वह उस शहर में रहने लगी जहाँ वह दोनों दोस्त रहते थे। इच्छाधारी नागिन ने तान्या के रूप में रवि और आकाश से दोस्ती कर ली।
वह उन दोनों से एक-एक करके अकेले में बदला लेना चाहती थी। इच्छाधारी नागिन ने सबसे पहले रवि को शादी करने के लिए प्रोपोज़ किया। रवि भी सूंदर तान्या से प्यार करने लगा था। इसके बाद तान्या ने रवि को झील में अकेले मिलने के लिए बुलाया।
रवि तान्या से मिलने अकेले झील पर पहुँचा। झील पर तान्या अपने असली इच्छाधारी नागिन के रूप में आ गयी। जिसके बाद रवि डर गया। उसने रवि को नाग की मौत और बदला लेने के बारे में बताया।
इच्छाधारी नागिन ने रवि को इसके बाद डस लिया जिससे तभी उसकी मौत हो गयी। इस घटना के बाद विशाल अपने दोस्त को ढूंढने लगा। तान्या ने विशाल को कहा कि मैंने रवि को झील की तरफ जाते हुए देखा था। चलो हम दोनों चलकर रवि को झील पर जाकर ढूंढते हैं।
इसके बाद तान्या और विशाल रवि को ढूंढने झील की तरफ गए। झील पर पहुंचकर तान्या इच्छाधारी नागिन के रूप में आ गयी। उसने विशाल को सारी बात बताई और रवि की मौत के बारे में भी बताया।
विशाल ने इच्छाधारी नागिन से अपनी जान की भीख मांगी। लेकिन इच्छाधारी नागिन ने उनको याद दिलाया की कैसे उन्होंने नाग को बेरहमी से मारा था। इसके बाद इच्छाधारी नागिन ने विशाल को भी डस लिया। जिससे उसकी भी मौत हो गई। अब इच्छाधारी नागिन का बदला पूरा हो चूका था।
इस कहानी के बाद से यह कहा जाता है कि हमें कभी भी किसी नाग नागिन को नहीं मारना चाहिए। क्या पता कौन सा सांप इच्छाधारी नाग नागिन का जोड़ा हो।
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