आलसी पत्नी। Hasya Kahani
Hasya Kahani: एक बार की बात है एक गांव में एक पति हरिया और उसकी पत्नी बिमला रहते थे। हरिया बहुत ही मेहनती जबकि उसकी पत्नी विमला बहुत ही आलसी थी। वह रोज रोज घर के काम से बचने का कोई बहाना बनाती रहती थी। एक दिन हरिया शाम को खेत से काम करके आया। उस समय विमला खाट पर सो गई जब हरिया ने का कारण पूछा तो उसने कहा कि मेरे पैरों में बहुत दर्द है इसलिए मैं कॉल नहीं कर पा रही हूं।
यह देख कर बेचारे हरिया ने शाम का खाना बनाया और अपनी पत्नी को भी खाने को दिया। अगले दिन भी विमला अपने पेट के दर्द का बहाना बनाकर खाट पर पड़ी रही। हरिया ने जाते समय विमला को कहा कि अगर तुम्हारे पेट का दर्द ठीक हो जाए तो तुम उठ कर कुछ खाना रखा है वह खा लेना मैं शहर में धान के बीज लेने जा रहा हूं। विमला ने सोचा कि बहुत दिन से मुझे कुछ अच्छा खाने को नहीं मिला है इसलिए आज तो मैं दम आलू की सब्जी बनाऊंगी। यह कहकर वह दम आलू की सब्जी बनाने लगी। रास्ते में हरिया जा ही रहा था तो उसको गांव का मुनीम मिला।
हरिया ने मुनीम के पूछने पर बताया कि वह शहर में धान के बीज लेने जा रहा है। मुनीम ने हरिया को कहा कि तुम इतनी दूर शहर में केवल धान के बीज लेने जा रही हो तुम कल तक रुको कल शाम को आकर मेरे पास से कुछ धान के बीज ले लेना। आज शाम को हमारे घर पूजा है तुम अपनी बीवी के साथ हमारे घर पर आकर खाना खा लेना। जब हरिया को शहर नहीं जाना पड़ा तो मैं उल्टा घर की तरफ जाने लगा। घर के पास पहुंच कर उसको दम आलू की सब्जी की बहुत ही अच्छी खुशबू आने लगी।
जब उसने खिड़की से झांक कर देखा तो उसकी पत्नी दम आलू की सब्जी बना रही थी तब उसको सारा माजरा समझ आया कि उसकी पत्नी उसको बेवकूफ बना रही है। इसके बाद हरिया शाम को ही सीधा घर पर आया वह मुनीम के घर से खाना खाकर आया था। जब हरिया की बीवी ने उसको खाना बनाने के लिए कहा तो उसने बोला कि मैं तो खाना उनके घर से खाकर आया हूं तुम सत्तू घोलकर खा लो। जब हरिया बीवी को पता लगा कि मुझे खाकर आया है तो उसका माथा ठनका उसने सोचा कि इतना अच्छा खाने का मौका निकल गया।
अगले दिन सुबह हरिया ने अपनी बीवी को सिखाने के लिए उसको नीम के पत्तों का रस पीने को दिया। उसने अपनी पत्नी को स्पीकर तुम्हारे पैरों का पेट ठीक हो जाएगा। उसके मना करने पर भी उसने वह नीम के पत्तों का रस अपनी बीवी को पिला दिया। उसने अपनी पत्नी के खाने के लिए लौकी की सब्जी बनाकर रख दी और कहां कि जब भी भूख लगे तब उठ कर खा लेना। उसकी पत्नी को लौकी की सब्जी बिल्कुल अच्छी नहीं लगती इसलिए उसने वह सब्जी फेंक दी।
वह तो अच्छा खाना बना कर खाना चाहती थी लेकिन जब उसने देखा कि कुछ भी सब्जी नहीं है तो उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। शाम को जब हरिया आया तो उसने बताया कि वह आज फिर से जगदीश के यहां पूजा में गया था और वहीं पर उसने अच्छे-अच्छे पकवान खाएं और वह अपने लिए कुछ पकवान बांधकर भी लाया है। उसने अपनी पत्नी को फिर से सत्तू घोलकर खाने के लिए कहा। उसकी पत्नी ने सत्तू घोलकर खा लिया। लेकिन उसे अभी भी भूख लग रही थी।
जिसके कारण वह अपने पति हरिया के सोने के बाद उठी और अपने पति के द्वारा लाई गई खाने की पोटली को खोल कर खाने लगी। तभी हरिया उठ गया। अपनी पत्नी को देखकर विमला ने सारी सच्चाई बता दी और कहा कि उसने काम से बचने के लिए पेट में दर्द का बहाना बनाया था मैं आगे से ऐसा नहीं करेगी और घर का सारा काम करेगी।
उसने अपने पति से पूछा कि क्या वह है खाना खा सकती है तब उसके पति ने कहा कि वह खाना है उसके लिए लाया था। उसे पता चल चुका था कि बहाना बना रही है और उसने उसे दम आलू की सब्जी बनाते हुए भी देखा था। बाद में सब बात पता चलने के बाद वह दोनों खूब हसे।
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