Emotional Short Story in Hindi | इमोशनल शार्ट स्टोरी हिंदी

Emotional Short Story in Hindi

Emotional Short Story in Hindi

Emotional Short Story in Hindi: एक बार राकेश नाम का एक लड़का एक कंपनी में मैनेजर की पोस्ट पर ज्वाइन करता है। कंपनी का डायरेक्टर खुद राकेश को न्यू जॉइनिंग करने के उपलक्ष में बधाई देता है और राकेश को उसका केबिन दिखाता है। इसके बाद राकेश अपने केबिन में बैठ जाता है। कुछ देर के बाद एक peon राकेश को पानी की बोतल देने आता है। वह राकेश को पानी की बोतल देते समय कहता है कि लो बेटा पानी की बोतल। इस पर राकेश गुस्सा हो जाता है और कहता है कि तुमको कंपनी के मैनेजर से बात करने की तमीज नहीं है।

यह बेटा क्या होता है। तुम्हें मुझे सर कहकर बुलाना चाहिए। कुछ देर के बाद कंपनी का डायरेक्टर सभी को मीटिंग के लिए बुलाता है। जिसमें राकेश भी जाता है। मीटिंग रूम में डायरेक्टर सभी को कहता है कि आप सभी ने employee of the week, employee of the month या employee of the year तो सुना होगा। लेकिन आज मैं Best employee of the ever का अवार्ड देने वाला हूं। इसके बाद वह शुक्ला जी को बुलाता है। शुक्ला जी वही Peon होते हैं।

जिसे राकेश ने डांटा था। डायरेक्टर सब को बताते हैं कि शुक्ला जी ही Best employee of the ever है। वह सभी को यह भी बताते हैं कि शुक्ला जी डायरेक्टर के पिता के समय से कंपनी में काम कर रहे हैं। उनको कंपनी में काम करते हुए 35 साल हो चुके हैं। इसके अलावा वह कहते हैं कि शुक्ला जी राकेश जिन्होंने कंपनी को आज मैनेजर के रूप में ज्वाइन किया है। उनके पिता है। यह जानकर सभी हैरान हो जाते हैं। राकेश मीटिंग में अपना सिर नीचे करके बैठा रहता है।

इसके बाद डायरेक्टर राकेश को कहते हैं कि आपको अपने पिता पर तो जरूर गर्व होगा। इस पर शुक्ला जी भावुक होते हुए कहते हैं कि इसको गर्व चाहे हो या ना हो लेकिन मुझे अपने बेटे राकेश पर पूरा गर्व है। डायरेक्टर कहते हैं कि इतने साल बड़ी ईमानदारी और मेहनत के साथ काम करने के कारण कंपनी ने निर्णय किया है कि कंपनी के कुछ शेयर शुक्ला जी दिए जाएंगे। वह शुक्ला जी को शेयर देते हुए कहते हैं कि इन शेयरों के दाम अभी 10 करोड़ है। यह जानकर राकेश बहुत हैरान हो जाता है। डायरेक्टर शुक्ला जी को कहते हैं कि आप भी आपसे कंपनी के पाटनर है और यह सभी मीटिंग में जो बैठे हैं वह आपके employee हैं।

दरअसल डायरेक्टर ने राकेश की केबिन से बाहर जाते हुए राकेश और शुक्ला जी की बीच की बात सुन ली थी। राकेश नहीं चाहता था कि किसी को भी यह पता लगे कि वह शुक्ला जी का बेटा है। वह केबिन में अपने पिता को रिजाइन करने के लिए कह रहा था। लेकिन शुक्ला जी इसके लिए तैयार नहीं थे।

वह अपने पिता को यह भी कह रहा था कि यदि किसी को पता लगा कि मैं एक Peon का बेटा हूं मेरी कितनी बेजती होगी। अब मैं मैनेजर की पोस्ट पर लग गया हूं मैं आपको घर बैठा कर खिला सकता हूं। लेकिन उसके पिता ने कहां कि मैं इतने सालों से कंपनी में नौकरी कर रहा हूं मैं रिटायर होकर हूं इस कंपनी से विदा होऊंगा।

इस तरह पिता पुत्र के रिश्तो की यह बहुत ही इमोशनल स्टोरी थी जो किसी को भी भावुक कर दे। एक पिता जिसने सारी उम्र काम करके अपने पुत्र को मैनेजर बनाया। वही बेटा आज अपने पिता को peon कह कर उसकी बेइज्जती करता है। आप यह स्टोरी वीडियो के माध्यम से नीचे भी देख सकते हैं।

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