True Story in Hindi
True Story in Hindi: दोस्तों आज हम आपको एक सच्ची कहानी बताने वाले हैं यदि आप गरीब घर में पैदा हुए हैं तो यह आपकी गलती नहीं है लेकिन आप बिना मेहनत के गरीबी मैं ही मर जाते हैं तो यह आपकी गलती है। हम आपको आज एक ऐसी इंसान की कहानी बताने वाले हैं। जिसने अपनी गरीबी और हालातों से लड़ते हुए 22 लाख करोड़ की कंपनी की स्थापना की।
यह कहानी है Louis Vuitton की जो एक व्यक्ति थे जिन्होंने Louis Vuitton कंपनी की स्थापना की। Louis Vuitton का जन्म 4 अगस्त 1821 को फ्रांस में हुआ। उनके पिता एक किसान और माता टोपी बनाने का काम करती थी। उस समय फ्रांस की हालत नेपोलियन युद्ध के कारण बहुत खराब थी। अपने घर की परिस्थिति को देखते हुए Louis Vuitton बचपन से ही अपने पिता के खेत में सहयोग करते थे। जैसे तैसे उनका गुजारा चल रहा था।
जब वह 10 साल के हुए तब उनकी मां की मृत्यु हो गई। जिसके बाद उनके पिता ने दूसरी शादी की। उनकी सौतेली मां उनसे बहुत बुरा व्यवहार करती थी। जिसके कारण वह 13 साल की उम्र में घर छोड़कर पेरिस पहुंच गए। वहां पर उनके पास ना खाने के लिए खाना था ना रहने के लिए घर था।
बड़ी मुश्किल से उन्हें कारीगर के पास काम करने का मौका मिला। जिसके बाद खाने और रहने का जुगाड़ हुआ। कारीगरों के पास मेहनत से काम करने के कारण कुछ ही समय में वह पत्थर लकड़ी और मेटल की बहुत अच्छी कारीगरी करने लगे। उस समय पेरिस में रेल चलने लगी। जिसके कारण लोग अपना सामान रेल मिली जाने के लिए किसी बॉक्स की तलाश में थे।
Louis Vuitton ने इस मौके को देखा और अपने कारीगरी की बदौलत बक्से का निर्माण किया जिसको लोगों ने बहुत ही पसंद किया। इस बक्से की मदद से लोग अपने घर का सामान इधर से उधर बड़ी आसानी से ले जाने लगे। उनकी कुशलता को देखने के कारण फ्रांस की महारानी उन्हें अपना कारीगर नियुक्त कर लिया।
1 साल बाद उन्होंने Louis Vuitton की स्थापना की। वह अब लोगों के लिए अच्छे-अच्छे बक्से निर्माण करने लगे लेकिन उन्हें इस बक्से में एक समस्या नजर आई। इस बक्से के डिजाइन के कारण दूसरा बक्सा इसके ऊपर नहीं रखा जा सकता था और यह थोड़े भारी थे। उन्होंने इस समस्या के हल के लिए कैनवस के बक्से निर्माण करने का निर्णय किया जो हल्के और वाटरप्रूफ होते थे।
इन बक्से के ऊपर दूसरा बक्सा भी आसानी से रखा जा सकता था। जिसके कारण यह बहुत कम जगह लेते थे। लोगों ने उनकी इस डिजाइन को बहुत पसंद किया। Louis Vuitton ने इसके साथ ही महिलाओं के लिए पर्स व अन्य बैग भी डिजाइन करना शुरू कर दिया। जिसके कारण उनकी कंपनी के बैग विदेशों में भी जाने लगे।
इसी दौरान युद्ध के कारण उनकी कंपनी एक बार बंद भी हो गई थी लेकिन अपनी मेहनत के बदौलत उन्होंने दोबारा इस कंपनी को शुरू किया। बाद में उनके बेटे ने भी Louis Vuitton कंपनी में सहयोग किया। उनके बेटे ने बैग में लॉक लगाने की शुरुआत की जिसे लोगों ने और ज्यादा पसंद किया। 70 साल की उम्र में Louis Vuitton की मृत्यु हो गई बाद में उनके बेटे ने Louis Vuitton का अभी का लोगो डिजाइन करके कंपनी को एक नई ऊंचाई दी।
आज इस कंपनी की वैल्यू 22 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। यह फ्रांस की सबसे लग्जरी फैशन हाउस है। जिसे Louis Vuitton ने अपनी मेहनत की बदौलत खड़ा किया।
Final words: हम उम्मीद करते हैं कि आप हमारे द्वारा ऊपर दी गई Louis Vuitton की True Story in Hindi पसंद आई होगी। कहानी सुनकर आप जरूर motivation और inspiration से भर गए होंगे।
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