अन्न का अपमान | Moral stories in Hindi for Class 10

Moral stories in Hindi for class 10
Moral stories in Hindi for class 10

Moral stories in Hindi for class 10

Moral stories in Hindi for Class 10: एक बार की बात है रामपुर गांव में सुधा नाम की एक लड़की रहती थी। वह देखने में बहुत सुन्दर थी लेकिन उसकी एक आदत ख़राब थी की वह खाना ख़राब करती थी। वह ज्यादा खाना लेकर खाना फेंक देती थी।

कुछ समय बाद उसकी शादी हो गयी। उसकी सास ने उसको तिजोरी की चाबी और बाकि सभी जिम्मेदारी सौंप दी और बोला की वह अभी तक अच्छे से घर चलाती आयी है। अब सुधा को सही से घर चलाना है।

सुधा ने अपनी सास की बात को कबूल किया। सुधा इसके बाद अपने पति से बार बार कभी चीनी, कभी चावल और कभी दाल मंगवाती थी। जब उसकी सास को इस बारे में पता चला तो वह सुधा को बोली की तुम महीने भर का राशन एक बार में क्यों नहीं मंगवाती।

सुधा ने बताया की वह एक साथ मंगवाती है लेकिन वह कम पड़ जाता है। सुधा की सास ने इसके बाद पता लगाने की लिए की राशन कहा जाता है रसोई में थोड़ी नज़र रखनी शुरू कर दी।

कुछ दिन रसोई में देखने पर उसको पता चला की सुधा ज्यादा खाना बनाती थी जिससे बहुत सारा खाना फ्रिज में पड़ा रहता था। उसने सुधा को खाने की अहमियत के बारे में सिखाने की सोची।

Moral Stories in Hindi for Class 10

एक दिन उसने सुधा को बुलाकर कहा की हमारे पहले वाली नौकरानी के बच्चे की तबियत ठीक नहीं है मुझे वहाँ जाना है क्या तुम भी चलोगी। सुधा भी अपनी सास के साथ जाने के लिए तैयार हो गयी।

अपनी नौकरानी की बस्ती में जाकर सुधा की सास ने कहा की मै अभी रास्ता पूछ कर आती हूँ। इसके बाद सुधा वही खड़ी रही सुधा ने एक घर के अंदर देखा तो एक छोटा बच्चा भूख के कारण रो रहा था।

उसकी माँ ने अपने अनाज के सभी बर्तन देखे लेकिन वो खाली थे। यह देखकर सुधा को रोना आ गया। कुछ देर बाद उसकी सास आयी और उसको अपनी नौकरानी के घर लेकर गयी। नौकरानी के घर जाने पर उसका लड़का बीमार लेटा हुआ था।

जब सुधा की सास ने बीमारी का कारण पूछा तो नौकरानी ने कहा की वह एक घर से बचा हुआ भोजन लेकर आयी थी लेकिन उसको नहीं पता था की वह खाना ख़राब था। जिससे उसके बेटे की तबियत ख़राब हो जाएगी।

यह कहकर वह रोने लगी। कुछ देर के बाद सुधा और उसकी सास अपने घर आ गए। घर आने पर सुधा अपनी सास के गले लग कर रोने लगी।

जब उसकी सास ने कारण पूछा तो सुधा ने बताया की मै खाने को कितना बर्बाद करती थी और किसी को खाने के लिए दो वक्त की रोटी भी नहीं है।

उसने कहा की अब से वह खाने को कभी बर्बाद नहीं करेगी। सुधा को खाने की कीमत महसूस होने पर उसकी सास खुश थी।

Moral of story:

सीख : इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें अन्न को कभी भी बर्बाद नहीं करना चाहिए।

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